निर्वाचन आयोग ने सेना व अन्य सशस्त्र बलों के कर्मियों को डाक मतपत्र या प्राक्सी के जरिए मतदान की सुविधा देने का निर्णय किया है। आगामी चुनाव के दौरान मतदान करने के लिए ऐसे सर्विस मतदाताओं को अपने मतदान विधान सभा क्षेत्र में अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए वे डाक से पंजीकरण फार्म मंगवा कर अथवा अपनी यूनिट के माध्यम से फार्म भेज सकते हैं। प्राक्सी मतदाता अगर खुद भी मतदाता के रूप में पंजीकृत है तो अपना मत देने के साथ-साथ सर्विस मतदाता की ओर से भी मत दे सकेगा।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि सर्विस मतदाता अपने किसी रिश्तेदार या किसी अन्य व्यक्ति को जिसकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी हो, को अपने प्राक्सी (प्रतिस्थानी) के तौर पर नामित कर सकते हैं। यह प्राक्सी उनके स्थान पर मतदान करने के लिए अधिकृत होगा। प्राक्सी की नियुक्ति भविष्य में होने वाले सभी निर्वाचनों के लिए वैध होगी जब तक कि सर्विस मतदाता द्वारा नियुक्ति को निरस्त न किया जाए, अथवा प्राक्सी की मृत्यु हो जाए।
अगर सर्विस मतदाता फील्ड में तैनात है तो वह प्राक्सी की नियुक्ति के लिये प्रारूप 13एफ पर अपनी यूनिट के कमांडिंग आफिसर से हस्ताक्षर कराकर प्राक्सी को भेज देगा, जो नोटरी अथवा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने हस्ताक्षर कर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उपलब्ध करा देंगे। अगर सर्विस मतदाता अपने मूल निवास स्थान पर है तो वह और प्राक्सी दोनों प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने फार्म 13एफ पर हस्ताक्षर करके निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को देंगे। आयोग का कहना है कि जिस सर्विस मतदाता ने अपना प्राक्सी नियुक्त कर दिया है उसे डाक मतपत्र जारी नहीं किया जाएगा। प्राक्सी मतदाता अगर खुद भी मतदाता के रूप में पंजीकृत है तो अपना मत देने के साथ-साथ सर्विस मतदाता की ओर से भी मत दे सकेगा। सर्विस मतदाता निर्वाचक नामावली में अपना नाम एक जनवरी 2012 तक शामिल करा सकते हैं।