Thursday, December 26, 2024
spot_img
HomeUncategorizedदुग्ध संघ में नागेन्द्र के साम्राज्य के अंत की शुरूआत

दुग्ध संघ में नागेन्द्र के साम्राज्य के अंत की शुरूआत

फर्रुखाबाद: दुग्ध संघ में चले आ रहे नागेन्द्र सिंह राठौर के दशकों पुराने साम्राज्य के अंत की शुरूआत होने लगी है| बसपा से निष्कासित होने के बाद नागेन्द्र सिंह के हाथो से दुग्ध संघ की भी कमान खिसकती लग रही है।

सोमवार को हुए दुग्ध संघ के निदेशकों के चुनाव में नागेन्द्र सिंह राठौर व उनके भाई ने अपना पर्चा तक नहीं भरा| निदेशकों के चुनाव में यद्धपि सभी सदस्य निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं| परन्तु इनमे से कितने अब नागेन्द्र की डूबती नैया पर सवार होंगे यह देखें की बात है| विदित है कि १९८९ में हुए दुग्ध संघ के गठन के समय से ही अध्यक्ष पर नागेंद्र या उनके भाई का कब्जा रहा है। वर्ष ८९  के चुनाव में नगनेद्र सिंह ने बाजी मारी उसके बाद सन १९९४ में एक बार फिर दुग्ध संघ का ताज नागेन्द्र सिंह के सर रखा गया| वर्ष १९९९ के चुनाव में नागेन्द्र सिंह राठौर के भाई विजेंद्र सिंह ने बाजी मारी| तत्पश्चात २००४ में भी ताज विजेंद्र सिंह के ही सर ही रहा| बोर्ड का कार्यकाल विगत ७ सितंबर २००७ को समाप्त हो जाने के बाद से इसमें जिलाधिकारी प्रशासक चले आ रहे हैं।

आज हुए दुग्ध संघ के सदस्यों के चुनाव में नरेन्द्र सिंह के मौसी के लडके हुसैनपुर कमालगंज निवासी चंद्र प्रकाश के अलावा धर्मेन्द्र पाल कनका राजेपुर, वालेंद्र सिंह बनकटी मोहम्दाबाद, लोकराम मोहल्ला खुशहाली राजेपुर, सुरेश सिंह हरकमपुर मोहम्दाबाद, संतोष कुमार खुम्मारपुर नवाबगंज, सुधा सिंह पत्नी कौशलेन्द्र सिंह नहरैया कमालगंज, किरण पत्नी प्रमोद कुमार सहित सभी ९ सदस्यों को निर्विरोध चुन लिया गया|

पूर्व अध्यक्ष  विजेंद्र सिंह  राठौर के अनुसार ९ में से ५ सदस्यों उनके साथ हैं| लेकिन इस रहस्य से पर्दा तो अब दुग्ध संघ अध्यक्ष के लिये आगामी ९ अक्टूबर को होने वाले चुनाव में ही खुलेगा कि कौन किसके साथ गया। सोमवार को सदस्यों के चुनाव के दौरान बसपा के बड़े नेता दुग्ध संघ पर डेरा जमाये रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments