पूरे देश में शिक्षक पात्रता परीक्षा के एक ही कोर्स की तैयारी

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शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के पेपर को लेकर परेशान अभ्यर्थियों को अगले सत्र से पहले राहत मिलने की संभावना कम है। परंतु नए सत्र से पहले देश भर में टीईटी का एक ही कोर्स होगा। यानी केंद्रीय विद्यालयों के लिए सीबीएसई जिस परीक्षा का आयोजन करेगा या फिर राज्य स्तर पर शिक्षा परिषदों के पास जो जिम्मा है, सभी के लिए पाठ्यक्रम एक समान होगा। कोर्स का प्रारूप ऐसा होगा जिसे तैयार करने में किसी राज्य के अभ्यर्थी को परेशानी नहीं होगी।

 

टीईटी के कोर्स को लेकर राज्यों में उहापोह की स्थिति है। कई राज्यों में पाठ्यक्रम डिजाइन किए बगैर आननफानन में परीक्षा ली गई। उत्तर प्रदेश में कोर्स कंटेंट तय करने में काफी देरी हुई, नतीजा है कि परीक्षा में चार महीने विलंब हो गया। अब देश भर के लिए टीईटी का एक ही पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को दिया गया है। एनसीएफ ने कोर्स तैयार करने के लिए 18 राज्यों से शिक्षा परिषदों के प्रतिनिधियों की एक बैठक भी की है। विशेषज्ञों की माने तो हिन्दी, सामान्य अध्ययन, बिहैवरल साइंस, बाल मनोविज्ञान, अंग्रेजी, गणित को कोर्स में प्रमुखता दी जाएगी। कोर्स तय करने से पहले इन विषयों के विशेषज्ञों की कार्यशाला भी होगी। सभी राज्यों से मास्टर ट्रेनर बुलाए जाएंगे जो कोर्स के प्रारूप को अंतिम रूप देंगे।

 

साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य संवारने की इच्छा रखने वाले युवाओं को अब बीएड करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार ने सत्र 2012-13 से प्रदेश में बीएड कालेजों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। आगामी सत्र में आठ से 10 हजार बीएड की सीटें बढ़ जाएंगी। इसके लिए प्रदेश में 100 नए बीएड कालेज खोलने या पहले से चल रहे महाविद्यालयों में इसकी पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है। खास बात यह कि सत्र नियमित करने के लिए जनवरी से दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।