माया का आपरेशन क्लीन: दागियों को निकलने में जुटी बसपा

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ऑपरेशन क्लीन के तहत बसपा ने शनिवार को एक और विधायक को निलम्बित कर दिया। बदायूं के बिल्सी क्षेत्र के विधायक योगेन्द्र सागर पर आरोप है कि वह अपहरणव बलात्कार जैसी घटनाओं में लिप्त हैं। उन पर आरोपों को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निलम्बित कर दिया। बसपा प्रवक्ता ने बताया कि श्री सागर पिछले कुछ समय से अपने आचरण और गतिविधियों के चलते विवादों के घेरे में रहे।

ज्ञात हो कि न्यायालय के समक्ष एक महिला ने श्री सागर पर अपहरण करके उसके साथ बलात्कार किये जाने के आरोप लगाये थे। निचली अदालत ने विधायक के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया ,  विधायक ने हाई कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया। मायावती ने विधायक के आरोपों को गम्भीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। विधायक सागर को विधान सभा चुनाव का टिकट पहले ही काटा जा चुका है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय के दौरान यह तीसरा अवसर था जब बहुजन समाज पार्टी ने किसी बड़े नेता को पार्टी से निलम्बित किया है, इससे पूर्व पार्टी ने सांसद धनंजय सिंह को भी गत 22 सितम्बर को निलम्बित किया गया था जबकि इससे एक दिन पूर्व विधायक अशोक चंदेल को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था।

इसके अतिरिक्त नाबालिग बालिका शीलू रेप कांड में बसपा के नरेनी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी आज कल जेल में हैं। पार्टी उनसे जाहिरी तौर पर पल्ला झाड़ चुकी है। बिजनौर से बसपा विधायक शहनवाज राणा को उनके वाहन में बैठे लोगों द्वारा किशोरी से दुराचार के आरोप में बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। मत्सय विकास निगम के तत्काली अध्यक्ष राम मोहन गर्ग को एक महिला को ब्लैकमेल कर उसका शारीरिक शोषण करने के आरोप में पद से हटाया गया। दो माह पूर्व ही पार्टी में शामिल अशोक कुमार चंदेल को भी अपराधिक गतिविधयों के आरोप में पार्टी से निकाला जा चुका है। भ्रष्टाचार के आरोप में अवध पाल सिंह, अतंत कुमार मिश्रा व बाबूराम कुशवाहा का हष्र सबको मालूम है। शमशान की जमीन पर कब्जा मामले में गोरखपुर से विधाय राजेश त्रिपाठी को भी मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। एक अपराधी की पैरवी में अशोक दोहरे को मंत्री पद से हटाया गया। डिवाई से विधायक गुडडू पंडित को भी युवती से दुराचार के  मामले में पार्टी से निकाला गया।

बसपा भले ही लगातार पार्टी के दागी मंत्रियों व सदस्यों को पार्टी निलम्बित करती जा रही हो लेकिन विपक्ष को मौका अवश्य मिल रहा है कि वह पार्टी पर लगाए जा रहे अपने आरोपों को सही साबित करने के लिए दलीलें पेश कर सकें।