ऋण दिलाने के नाम पर मैनेजर व दलालों ने की धोखाधड़ी

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फर्रुखाबाद: बैंक से लोन दिलाने के बहाने की गयी धोकाधडी़ पर पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से मिल कर बैंक मेनेजर व दलालों के विरुद्ध कारवाही की मांग की|

शहर कोतवाली ग्राम चाँद पुर निवासी रामसेवक के पुत्र संजीव कुमार ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दे कर बताया कि उसके पास जून २००८ में आवास विकास निवासी जुगल किशोर व राज किशोर आये और छूट का लोन दिलवाने कि बात कही| बाद में जुगल किशोर व राज किशोर उसे अपनी बाइक से बढपुर स्तिथ सिंडीकेट बैंक के शाखा प्रबंधक अतर सिंह यादव के आवास पर ले गये| संजीव कुमार ने बताया कि अतर सिंह यादव ने २ लाख का लोन लेने पर उसमे ५० हजार कि छूट मिलने कि बात कहकर कहा कि ५० हजार तुम ले लेना और २ माह बाद बैंक का डेढ़ लाख रुपया जमा कर देना| परन्तु शुरू में तुम्हे १० हजार जुगल किशोर व १० हजार बैंक के कागजों के लिए देने पड़ेंगे| जो संजीव ने अपनी बहिन से उधार लेकर दे दिये|

उसने बताया कि जुगल किशोर ४ जून २००८ को बैंक ले गये और दस्तावेजों पर दस्तखत करवा लखनऊ से लोन का रुपया आने कि बात कहकर घर भेज दिया| ७ जून को जुगल किशोर ने बताया कि पुराने लोनों कि वसूली हो जाने के बाद तुम्हारा लोन का रुपया आ जायेगा| इस बात कि पुष्टि के लिए जब बैंक जाकर पता किया तो बैंक कर्मियों ने भी यही कहा|

६ माह बाद बैंक जाकर पता करने पर बैंक कर्मियों ने बताया कि तुम्हारे नाम पर पूर्व में ही १ लाख ९७ हजार रुपये का जनरल लोन कपडा व्यवसाय के लिये दिया जा चुका है व इसकी किश्ते भी जमा कि गयी है| जब इस बाबत जुगल किशोर से से संपर्क किया गया तो वह गुमराह करने लगा। जिस पर बैंक प्रबंधक से शिकायत कि गयी तो उन्होंने भी कोई कारवाई नहीं की|

मामला पंचायत तक पहुचने पर जुगल किशोर ने ऋण अदा करने कि बात कह कर एक पुरानी टेक्सी बतौर जमानत खड़ी करवा दी| अब बैंक के नोटिस होने पर ज्ञात हुआ कि उक्त ऋण संजीव के नाम से स्वीकृत है और उसके पिता रामसेवक व अरुण दीक्षित को गारंटर बनाया है। संजीव ने बताया कि बैंक प्रबंधक व बैंक के दलालों ने बिना किसी कुटेशन के सारी धनराशी निकाल कर हड़प कर ली|

१० सितम्बर को प्रबंधक, जुगल किशोर, राज किशोर व अरुण दीक्षित माकन कि कुर्की का आदेश दिखाते हुए घर से निकलने कि धमकी दे कर चले गये|

वंही शहर कोतवाली के ग्राम बिर्राबाग निवासी उमेश चंद की पत्नी गीता मिश्र ने भी पुलिस अधीक्षक से शिकायत करी कि सिंडीकेट बैंक के शाखा प्रबंधक, जुगल किशोर व राज किशोर ने घर आकर बैंक का नोटिस दिखाते हुये कहा कि तुम्हारा माकन हमने नीलामी में खरीद लिया है| और माकन खाली करने के लिए जान माल कि धमकी दे रहे है| मेरे पति के साथ भी उक्त लोगों ने धोकाधडी कि है|

गीता ने बताया कि पति उमेश ३१ मई २०१० से लापता है| बैंक प्रबंधक व बैंक दलालों ने बैंक से रुपये दिलाने के नाम पर उनसे जालसाजी की है|

बुधवार को कोतवाली पुलिस ने सिंडीकेट बैंक जाकर मामले की छानबीन शुरू कर दी| बैंक से सम्पर्क करने पर बैंक कर्मियों ने बताया कि बैंक प्रबन्धक हरीश सिंह सोलिया अवकाश पर हैं| आने के बाद ही मामले की जानकारी दे पायेंगें|

पुलिस अधीक्षक ओ पी सागर ने बताया की प्रकरण की एफआईआर दर्ज कर करवाई की जा रही है|