टीम अन्‍ना पर फिर निशाना: भूषण को नोटिस, टीम पर FIR की तैयारी

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नई दिल्‍ली. भारी जन समर्थन के बूते जन लोकपाल बिल पर सरकार को झुका देने वाली टीम अन्‍ना को अब एक और झटका लगा है। टीम अन्‍ना के सदस्‍य और वरिष्‍ठ वकील प्रशांत भूषण को संसद के विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला है। भूषण ने कहा था कि सांसद पैसे लेकर कानून पास करते हैं। भूषण को 14 सितंबर तक इस नोटिस का जवाब देना है। भूषण ने एक टीवी चैनल से बातचीत में इसकी पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा, ‘मुझे विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला है और मैं इसका जवाब दूंगा।’

इसके अलावा टीम अन्‍ना को एक और पलटवार का सामना करना पड़ सकता है। टीम अन्‍ना के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस एफआईआर कर सकती है। यह एफआईआर रामलीला मैदान में अन्‍ना के 12 दिन के अनशन के दौरान कई शर्तें तोड़ने के आरोप में की जा सकती है।

दिल्‍ली पुलिस के सूत्र बताते हैं कि बीते रविवार अन्‍ना का अनशन टूटने के बाद तमाम पुलिस अफसरों की कई बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में यही तय किया गया कि किस आधार पर टीम अन्‍ना के खिलाफ मुकदमा किया जा सकता है। तय हुआ है कि टीम अन्‍ना ने रामलीला मैदान में आंदोलन के लिए जो लिखित हलफनामा दिया था, उसकी चार अहम शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है और इसके लिए टीम अन्‍ना को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है।

जिन शर्तों के उल्‍लंघन की बात कही जा रही है, उनमें एक तो रात 10 बजे के बाद माइक या लाउडस्‍पीकर का इस्‍तेमाल करना है। समर्थकों को इंडिया गेट पर जमा होने के लिए कहने को भी शर्तों का उल्‍लंघन माना जा रहा है, क्‍योंकि इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई थी। इंडिया गेट पर मशाल जुलूस निकाल कर ट्रैफिक बाधित करने का आरोप भी टीम अन्‍ना पर लगाया जा सकता है। टीम अन्‍ना के आह्वान पर समर्थकों ने पूरे लुटियंस जोन, यहां तक कि प्रधानमंत्री निवास के पास भी धरना दिया था। सूत्र बताते हैं कि दिल्‍ली पुलिस इस मामले में भी कानूनी जानकारों की राय ले रही है।

सूत्र बताते हैं कि अगर कानूनी राय पक्ष में रही, तो कमला नगर पुलिस थाने में टीम अन्‍ना के खिलाफ एफआईआर की जा सकती है। बताया जाता है कि इस पुलिस थाने की ओर से एसीपी ने अनशन के दौरान आयोजकों को आठ चेतावनी भरी चिट्ठी भी भेजी थी। इनमें से किसी भी पत्र का आयोजकों की ओर से जवाब नहीं दिया गया है। इन पत्रों को भी अब दिल्‍ली पुलिस अपना केस मजबूत करने के लिए इस्‍तेमाल कर सकती है।

सूत्र बताते हैं कि रामलीला मैदान में जिन शर्तों का उल्‍लंघन हुआ है, उसकी रिपोर्ट तैयार कर जल्‍द से जल्‍द पुलिस मुख्‍यालय को भेजी जानी है। वहां बड़े अफसर और कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। सुबूत के तौर पर रामलीला मैदान की घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश की जाएगी। यहां तक कि जरूरत पड़ने पर समाचार चैनलों से भी वीडियो फूटेज उपलब्‍ध कराने के लिए कहा जा सकता है।