Friday, December 27, 2024
spot_img
HomeUncategorizedस्वास्थ्य महकमा बाढ़ पीड़ितों के प्रति बेहद सुस्त, अस्पताल गेट पर हो...

स्वास्थ्य महकमा बाढ़ पीड़ितों के प्रति बेहद सुस्त, अस्पताल गेट पर हो रहे प्रसव

फर्रुखाबाद: अन्ना हजारे के आंदोलन ने भ्रष्टाचार पर विजय तो पायी है लेकिन इस देश में फैले भ्रष्ट लोगों को कैसे साफ़ कर पायेगी| इस क्रान्ति में कोई भी महकमा ऐसा नहीं है जो जंग लगाने में उतारू न हो| अब स्वास्थ्य विभाग को ही ले लीजिये बीते दिनों कमालगंज में प्रसव कराने के नाम पर रिश्वत न दे पाने के कारण पीड़ित को भर्ती न कर उसे वहां से भगा दिया गया था|

अस्पताल के गेट पर प्रसव हो जाना तो अब आम बात हो गयी है| इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग किस कदर भ्रष्ट, नाकारा लोगों से भरा हुआ है| भगवान् का दूसरा स्वरुप कहे जाने वाले जो दूसरों की जिंदगी बचाते हैं शायद अपना कर्तव्य भूल गए हैं|

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हाल तो उससे भी बुरा है वहां के लोग तो कई-कई महीनों तक बाढ़ के पानी से घिरे होने के कारण उन्हें न तो बीमारियों से निपटने के लिए दवा मिल पाती है और न ही पेट भरने के लिए खाना| ऐसे में अगर गर्भवती महिला को स्वस्थ प्रसव कराने के लिए कहाँ लेकर जाया जाए| अगर किसी तरह अस्पताल तक पहुँच भी गए तो उनकी सुनने वाला भी कौन है? आखिर में होता वही है सड़क पर प्रसव या अस्पताल के गेट पर प्रसव| जव इसका विरोध भी किया जाता है तो सिर्फ खानापूरी कर पल्ला झाड लिया जाता है|

बाढ़ पीड़ितों को सरकार के तरफ से कोई भी सुबिधा नहीं मिल पा रही है| इमरजेंसी में जरूरत पड़े तो एम्बूलेंश भी नहीं| कहीं पर कोई स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गयी जानकारियों के लिए कोई फोन नंबर भी नहीं यहाँ तक कि गाँव में मौजूद आशा बहू के पास भी नंबर नहीं मिलेगा तो ऐसे में सुरक्षित प्रसव कराने का ठेका लेने से फ़ायदा ही क्या?

ऐसा ही मामला बीती रात देखने को मिला थाना राजेपुर के ग्राम दारापुर निवासी आलोक सोमवंशी की २६ वर्षीय पत्नी जो कि प्रसव पीड़ा के चलते उसे आशा शीतला व सास राधा किसी तरह बाढ़ के पानी से निकालकर टैम्पो द्वारा लोहिया अस्पताल ले कर आयी लेकिन सुस्त विभाग के नाकारा डाक्टर व कर्मचारियों की हीलाहवाली से रात १०:३० बजे पीडिता ने गेट पर ही प्रसव कर दिया| बाद में उसे ११:५० बजे भर्ती किया गया| आलोक को एक बात की खुशी यह है कि उसे लड़का हुआ है तो दूसरी तरफ वह अस्पताल के डाक्टरों को कोसने में भी पीछे नहीं रहा|

वहीं दूसरा मामला थाना मऊदरवाजा के ग्राम सोता फतेहपुर निवासी सुआलाल लोधी की २२ वर्षीय पत्नी पुष्पा को बीती रात ८ बजे आशा पुष्पा देवी व सास जयदेवी सुरक्षित प्रसव करने के लिए लेकर आये| लेकिन डाक्टरों ने प्रसव होने में देरी की बात कहकर अपना पल्ला झाड लिया|

तत्पश्चात उसे वार्ड के बेड पर लिटा दिया रात करीब १२ बजे डाक्टरों की अनुपस्थित में ही महिला का वेड पर ही प्रसव हो गया|

इसी क्रम में थाना कमालगंज के ग्राम जवाहर नगर निवासी अरशद की पत्नी चांदवी ने मेल ओपीडी के अन्दर तीन घंटे तक जिन्दगी और मौत से संघर्ष के बाद कमरा नंबर १९ के सामने पुत्र को जन्म दिया| चांदवी के प्रसव के बाद जागे अस्पताल एक डाक्टर व कर्मचारियों में हडकम्प मच गया| आनन्-फानन में अस्पताल कर्मचारियों ने उसे प्रसव कक्ष में ले गयी|

चांदवी की माँ जकीना बेगम ने बताया की वह सुबह ९ बजे बेटी को लेकर अस्पताल आ गए थे परन्तु किसी भी डाक्टर ने उनकी बात न सुनी| इसी दौरान इलाज के अभाव में ही पुत्री ने अस्पताल की कुर्सियों पर ही बच्चे को जन्म दिया|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments