अन्ना के समर्थन में गांव गांव तक फैला आंदोलन-पदर्शन

Uncategorized

फर्रुखाबाद: भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन की मशाल अब नगरों व उपनगरों से आगे गांव व दूरस्थ मजरो तक पहुंच रही है। मजे की बात है कि इसमें किसी पार्टी या संगठन का कोई नेतृत्व नहीं है। युवाओं व जागरूक किसान ग्रामीण भी स्वप्रेरणा से अन्ना से जुड़ते दिख रहे हैं। मोहम्मदाबाद, नवाबगंज, शमसाबाद जैसे ब्लाकों के दूरस्थ ग्रामों में लोग जूलूस निकाल रहे हैं, कहीं मुंडन करा रहे हैं, तो कही धरने पर बैठे हैं। इनको न तो किसी मीडिया कवरेज की चाह है न पहचान की। बस एक जूनून है अन्ना से जुड़ने का और मन में एक घृणा पनप रही है राजनैतिक दलों के विरुद्ध।

मोहम्मदाबाद में शुक्रवार को नगर के युवाओं व छात्रों ने बस स्टाप से जुलूस निकाला। संकिसा रोड, ताजपुर रोड तथा नगर की गलियों से जुलूस निकालने के बाद बाद पवन दुबे, अंशुल दुबे, आलोक दुबे, आदित्य कौशल, सनी कौशल, दीपक, पवन सैनी आदि बस स्टाप के पास अनशन पर बैठ गए। नंदसा गांव में युवाओं व छात्रों ने प्रधानमंत्री की अर्थी निकाली। अंतिम संस्कार करने के बाद धरने पर बैठे तथा अखंड प्रताप, रितिक, अनूप, राघव, गणेश भदौरिया सहित कई युवाओं ने मुंडन कराया।

शमसाबाद में फैजबाग में भाकियू नेताओं ने भी अन्ना को अपना समर्थन दिया। पटेल प्रतिमा पर एकत्र होकर दोपहर बाद जुलूस बनाकर नारे बाजी करते हुए सड़क पर उतरे। हाथों में कानून मंत्री व प्रधानमंत्री के पुतले लिए चौराहे पर पहुंचकर पुतलों में आग लगा दी। भाकियू जिलाध्यक्ष रामबहादुर राजपूत ने कहा कि 29 अगस्त को गुरुगांव देवी मंदिर पर एकत्र होकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर अन्ना का समर्थन करेंगे। राममोहन दीक्षित, संजय गंगवार, सूरजलाल शाक्य, राजेश यादव, डा.कैलाश यादव, सुमित गंगवार, मदारी गंगवार, डा. हरिनंदन आदि मौजूद थे।