अपनी सत्य और अहिंसा की लाठी से हमारे देश को आजाद कराने वाले महात्मा गांधी की सवारी क्या थी इसके बारें में शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे। वैसे तो वो अमूमन पैदल ही चलना पसंद करते थे। लेकिन उन्होने सन 1928 में एक ऐसी कार की सवारी की थी जिसे आज भी सुरक्षित रखा गया है। उस कार सुरक्षित रखने वाला भी महात्मा का दिवाना ही है।
हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सन 1927 में फोर्ड कंपनी द्वारा निर्तित टी सीरीज की कार की सवारी की थी। उस दौरा में एक शानदार कार में जो भी सुविधाएं होती थी वो सारी सुविधाए इस कार में थी। सामने एक शानदार बोनट, और दो दो सर्च लाईटो से सजी इस कार की सवारी में उस वक्त और चार चांद लग गया जब महात्मा ने इस कार की सवारी की।
सन 1927 में उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित सेंट्रल जेल से निकलते समय महात्मा गांधी ने इस कार की सवारी की थी। इसी कार से उन्होने अपने भारत वासियों का अभिवादन भी स्वीकार किया था। उसके बाद से यह कार बहुत से लोगों के हाथों से गुजरी और फिलहाल यह कार पुणे के झंडेवाला के पास है। झंडेवाला को पुराने कारों के कलेक्शन का शौक है, और फोर्ड टीसीरीज उनके कलेक्शन में से एक बेशकिमती कार है।