चार माह में ही लोहिया अस्पताल से दूसरा कैदीफरार

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फर्रुखाबाद: लोहिया अस्पताल से कैदी फरार होने की चार माह में यह दूसरी घटना है। इसी अवधि में एक कैदी न्यायालय से व दूसरा कैदी ट्रेन से कूद कर भी फरार हो चुके हैं। विगत पांच अप्रैल को ही कुख्यात बाबू अंसारी इसी लोहिया अस्पताल के इसी कैदी वार्ड से सिपाहियों को नशीली चाय पिलाकर फरार हो चुका है। जिसका आज तक पता नहीं चला है। मात्र चार माह से भी कम अंतराल पर मंगलवार को एक और शातिर अपराधी अस्पताल से फरार हो गया है। यही नहीं इसके अतिरिक्त एक अन्य कैदी न्यायालय परिसर से व एक ट्रेन से कूद कर फरार हो चुका है। चारों में से एक भी कैदी को अभी तक गिरफतार नहीं किया जा सका है। दूसरी ओर पुलिस की बात करें तो इतिहास गवाह है कि आज तक कैदी भगाने के मामलें में एक भी पुलिस कर्मी को बर्खास्त नहीं किया गया है।

विदित है कि चार माह पूर्व कुख्यात अपराधी बाबू अंसारी के इसी लोहिया अस्पताल से फरार होने के बाद पुलिस व अस्पताल प्रशासन ने कोई सबक लेना मुनासिब नहीं समझा। विगत पांच अप्रैल को बाबू अंसारी की पत्नी ने सुरक्षा कर्मियों को अपने लटके झटकों से ऐसा भरमाया कि वह नशीली चाय पीकर मदहोश हो गये। आंख खुली तो कैदी व उसकी कथित पत्नी दोनों फरार हो चुके थे। उस समय भी लोहिया अस्पताल में कैदी अपराधियों की रंगरेलियों की काफी कहानियां चर्चा में आयी थीं। परंतु इससे न तो पुलिस विभाग ने व न ही स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक लिया। मंगलवार को एक और हत्यारोपी अस्पताल से फरार हो गया। इसमें पुलिस कर्मियों की कितनी भूमिका है यह तो बाद में ही पता चलेगा। परंतु सवाल यह है कि एक कैदी पर तैनात तीन सुरक्षा कर्मी क्या करते रहे कि कैदी फरार हो गया।

इससे पूर्व विगत 22 मई को एक कुख्यात अपराधी अजय उर्फ़ आजाद कन्नौज पेशी से वापस लाये जाते समय ट्रेन से कूद कर भाग गया। इसके अतिरिक्त विगत 25 जुलाई को एक कैदी उमश बाथम पुत्र हेमराज न्यायालय से सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। इनमें आज तक एक भी कैदी पकड़ा नहीं जा सका है। जहां तक पुलिस कर्मियों को सजा की बात है तो जनपद में आज तक एक भी पुलिस कर्मी को अपराधी भगाने के मामले में बर्खास्त नहीं किया गया है।