दुष्कर्म के मामले में एसपी व मजिस्ट्रेट ने महंत सुशील से की पूंछतांछ

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फर्रुखाबाद: पुलिस अधीक्षक ओपी सागर व अतिरिक्त मजिस्ट्रेट सीपी उपाध्याय ने आज सायं सयुंक्त रूप से नीव करोरी जाकर चर्चित दुष्कर्म मामले की गहराई से जांच-पड़ताल की| एसपी ने बताया कि फिलहाल की जांच-पड़ताल में मामला झूंठा पाया गया|

दोनों अधिकारियों ने बाबा लक्ष्मण दास पुरी मंदिर जाकर पीड़ित युवती के पिता कैलाश चन्द्र मिश्रा से पूंछतांछ की| कैलाश ने आरोप लगाया कि पूरे इलाके में सुशील दुबे का आतंक है उनका कोई विरोध नहीं करेगा| घटना वाले दिन लड़की रोती हुई मिली थी| उसी समय बेटे उसको थाने बुला ले गए थे| उन्होंने बताया कि उन्हें अभी तक FIR की कापी तक नहीं मिली है|

अधिकारियों ने पीड़ित युवती के चाचा जीतेन्द्र मिश्रा, श्यामबाबू मिश्रा तथा गाँव के अजय दुबे, दयाशंकर मिश्रा के अलावा मंदिर में मौजूद कोतवाली बेबर के ग्राम सकत निवासी तिलक सिंह की पत्नी शीला तथा कायमगंज राजीव सक्सेना की पत्नी अलका से भी पूंछतांछ की| जिन्होंने महंत सुशील दुबे के पक्ष में जानकारी दी| महिलाओं ने महंत की प्रशंसा की|

पूंछतांछ के दौरान महंत सुशील दुबे ने आरोप लगाया कि विरोधी मंदिर को हथियाने के लिए षड्यंत्र रचकर झूंठा आरोप लगा रहे हैं| उन्होंने कहा कि वह सीआईडी जांच भी करवाने को तैयार हैं|

कैलाश के अनुरोध पर अधिकारियों ने उनके घर जाकर उनकी पत्नी शकुन्तला से भी जानकारी की| जिन्होंने पुत्री के साथ हुई घटना की पुष्टि करते हुए सुशील दुबे पर गंभीर आरोप लगाए| अधिकारियों ने कैलाश व शशांक त्रिपाठी के बीच चल रहे खडंजा विवाद स्थल को भी देखा| एसपी ने दरोगा कन्हैया लाल को आवश्यक निर्देश दिए|

पीड़ित युवती ने अपने भाई पवन के साथ लोहिया अस्पताल में एक्स-रे कराया| पवन ने बताया कि मुझे अभी तक जांच रिपोर्ट दी गयी है और न ही कोई जानकारी दी जा रही है|

पुलिस अधीक्षक ओपी सागर ने JNI को बताया कि प्रारम्भिक जांच में दुष्कर्म की घटना असत्य है| अभी पीड़ित युवती से बातचीत नहीं हो सकी और न ही उसके साथ दुष्कर्म की जांच रिपोर्ट मिली है|

आज दोपहर महंत सुशील कुमार के करीब एक दर्जन शिष्यों ने पुलिस अधीक्षक से भेंटकर दुष्कर्म की घटना को गलत बताते हुए निष्पक्ष जांच कार्रवाई किये जाने की मांग की|