स्कूल चलो: काल्पनिक शिक्षा समितियां, फर्जी बैठकों की तैयारी

Uncategorized


School Chaloफर्रुखाबाद: शिक्षा सत्र की शुरुआत से ही “स्कूल चलो अभियान” के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के खाऊ कमाऊ अधिकारियों की बोहनी का मौसम बन जाता है। ऊपर से अब तो शिक्षा का अधिकार अधिनियम भी लागू हो जाने से प्रदेश स्तर पर भी तेजी आयी है, सो सोने पर सुहागा। मजे की बात है कि इस बार तो मुख्य सचिव ने ही मौका दे दिया है। ग्रीष्म अवकाश के दौरान 29.30 जून को विद्यालयों में ग्राम शिक्षा समितियों की बैठक किये जाने के आदेश कर दिये हैं। अब जहां ग्राम शिक्षा समितियां ही काल्पनिक हों और प्रधानाध्यापकों (इन समितियों के सचिव) के अवकाश पर होने के दौरान जाहिर है कि बैठकें तो फर्जी होना तया है।

आखिर केंद्र सरकार की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता दे दिये जाने के बाद इस बार स्कूल चलो अभियान में तेजी के आसार हैं। परंतु इसके लिये जो कर्यक्रम मुख्य सचिव की ओर से जारी किया गया है, कम से कम उसमें तो कोई नई बात नजर नहीं आती है। वही हर वर्ष की तरह लीक पीटने वाला कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। जिसमें ग्राम स्तर पर बैठकें, जनप्रतिनिधियों से सहयोग व अध्यापकों से घर घर जाकर स्कूल न जाने वाले बच्चों के सर्वेक्षण और उनके नामंकन के निर्देश है। नयी बात केवल इतनी है कि इसमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लेख करते हुए 6 से 14 वर्ष के शतप्रतिशत बच्चों को विद्यालयों में नामांकित किये जाने पर जोर दिया गया है।

हर साल स्कूल चलो अभियान की रैलियों के नाम पर शासकीय धन की बंदरबांट होती है। जनपद स्तर से शत प्रतिशत नामांकन की रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती है। मजे की बात है कि साल दर साल आउट व स्कूल बच्चों के सामने आने पर शासन कभी यह नहीं पूछता कि जब विगत वर्ष ही शत प्रतिशत नामांकन होगया था तो आखिर एक ही वर्ष बाद यह 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे कहां से पैदा हो जाते हैं। इतना ही नहीं इन आउट आफ स्कूल (कभी स्कूल न गये) बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये बाकायदा विद्यालय स्तर पर कैंप भी चलाये जाते हैं। शासन तो दूर कभी बेसिक शिक्षा अधिकारी तक इन कैंपों के स्तयापन की जहमत उठाने के पक्ष में नहीं रहते।

मुख्य सचिव की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को विकास भवन में जिला शिक्षा परियोजना समिति की बैठक का आयोजन कर लिया गया। इसके बाद 22 से 24 जून के बीच जनप्रतिनिधियों, जिलापंचायत सदस्य, सांसद, विधायक आदि से संपर्क कर उनसे अभियान में सहयोग की अपील की जानी है। ब्लाक प्रमुखों व बीडीसी सदस्यों के साथ 25 व 26 जून को बैठक कर कार्य योजना बनायी जानी है। ग्राम शिक्षा समितियों की बैठकें  29 व 30 जून को ग्राम स्तर पर आयोजित होनी हैं। विद्यालय न जाने वाले बच्चों का चिन्हांकन  1 से 15 जुलाई के बीच किया जाना है। प्रभातफेरियों का अयोजन 16 व 17 जुलाई को होगा। उसके बाद घर घर जाकर 23 व 24 और  30 व 31 जुलाई को जनसंपर्क किया जाना है। हर साल यही होता है।