फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार परिसर में बीते दो साल पूर्व खुली जेल स्थापित किये जानें की योजना बनायी गयी थी| ओपन जेल सिस्टम लगभग बनकर भी तैयार हो गया| लेकिन लाखों में खर्च होनें के बाद भी प्रोजेक्ट को लोकार्पण का इंतजार है| मामला शासन स्तर पर लम्बित बताया जा रहा है|
ब्रिटिश काल में वर्ष 1868 में बनी केंद्रीय कारागार की लगभग 70 एकड़ भूमि में खुली जेल बनायी गयी है| यह जेल पूर्व में निर्मित बागी सुधार में जीर्णोद्धार कर तैयार की गयी| सरकार का प्रस्ताव था की खुली जेल में अच्छे आचरण वाले सिद्धदोष बंदियों को वर्ष में एक बार निर्धारित अवधि के लिए परिवार को साथ रखने की छूट प्रदान किए जाने की सिफारिश भी की गई।
ओपन जेल का लगभग 200 बंदियों को मिलना है लाभ
जानकारी के मुताबिक ओपन या सेमी ओपन जेल की सुविधा सभी कैदियों के लिए नहीं होती है| इस सुविधा का लाभ केवल उन कैदियों को मिलता है, जो तीन बार पैरोल पर रिहा हो चुके हैं या अस्थायी तौर पर मिली रिहाई के दौरान उनके खिलाफ कोई शिकायत या प्रतिकूल आचरण किए जाने की खबर संबंधित जेल अधिकारियों को न मिली हो| फिलहाल सेंट्रल जेल से लगभग 200 बंदियों को इस श्रेणी में रखना प्रस्तावित है|
जेल के कृषि फार्म को भी किया गया था तैयार
ओपन जेल के तहत कार्य करने वाली योजना के तहत ही सेंट्रल जेल के कृषि फार्म में बने
तालाबों का भी जीर्णोद्धार कराया गया था| उन्हें पर्यटन में विकसित करनें के प्रयास चल रहे थे| लेकिन अमली जामा नही पहनाया जा सका|
जेल की डेयरी में 10 गिर गायों को खरीदा गया
दरअसल ओपन जेल में काम करने वाले बंदियों के लिए 10 गिर गायों को जनवरी 2024 खरीदा गया था| जिसको ओपन जेल में डेयरी कारोबार के तौर पर प्रयोग होना था| लेकिन वह गाय भी जेल की सलाखों के पीछे ही फिलहाल बंद होकर रह गयीं|
डीआईजी जेल प्रशासन पीएन पांडेय नें जेएनआई न्यूज को बताया कि ओपन जेल का प्रोजेक्ट लगभग तैयार है| मामला शासन में लंबित है| शासन व सरकार से हरी झंडी मिलते ही ओपन जेल का लोकार्पण किया जायेगा|
‘खुली जेल’ प्रोजेक्ट को ओपन होनें का इंतजार
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