फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते लगभग 33 साल पूर्व हुए पप्पू पाण्डेय हत्याकांड में न्यायालय नें सुनवाई के दौरान तत्कालीन प्रधान सहित दो को दोषमुक्त कर दिया है| मामले में तीन को 1997 में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है|
शहर कोतवाली के मोहल्ला नुनहाई निवासी विनोद कुमार पांडेय ने 5 अप्रैल 1991 को कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव सिंघीरामपुर निवासी बबुआ बाजपेई, फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हाथीखाना निवासी संजीव बाजपेई, जनपद एटा के गांव अलैयापुर निवासी प्रधान राकेश मिश्रा, जनपद मैनपुरी थाना बेवर कस्बा निवासी राघवेंद्र मिश्रा उर्फ छोटेलला, शहर कोतवाली के मोहल्ला कुचिया निवासी प्रमोद अवस्थी उर्फ बड़े लला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप था कि 5 अप्रैल 1991 को उनके भाई पप्पू पांडेय पेट्रोल पंप पर जीप में डीजल डलवाने गए थे। भाई पप्पू पांडेय पेट्रोल पंप के काउंटर पर बात करने के लिए उतर गए। उसी दौरान इन सभी आरोपियों ने तमंचों से फायर कर पप्पू पांडेय की हत्या कर दी। विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। 13 अक्तूबर 1997 को हत्या के मामले में बबुआ बाजपेई, राघवेंद्र मिश्रा उर्फ छोटेलला, प्रमोद अवस्थी उर्फ छोटे लला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शैली राय के कोर्ट में अभियुक्त जनपद एटा के गांव अमैयापुर निवासी प्रधान राकेश मिश्रा व फतेहगढ़ के हाथीखाना निवासी संजीव वाजपेयी की सुनवाई चल रही थी | जिसमे दोनों को कोर्ट नें दोष मुक्त कर दिया है |
पप्पू पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन प्रधान सहित दो दोष मुक्त
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