डेस्क:जल है तो कल है,ये नारा तो आप सभी ने सुना ही होगा मगर आज की स्थिति देखते हुए ये केवल नारा नहीं बल्कि अमिट अक्षरों में लिखी भविष्य में जीवन के कल्पना की कठोर चेतावनी है|यदि आज हमने जल का सरंक्षण नहीं किया तो हमारा आगामी भविष्य संकटग्रस्त हो जायेगा|
विश्व जल दिवस प्रति वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। दुनिया जहां 70 फीसदी जल से घिरी है वहीं पीने योग्य केवल ताजा पानी महज तीन फीसदी ही है। वहीं जनसंख्या वृद्धि, बढ़ता शहरीकरण और विकास के लिए तेजी से बढ़ रही फैक्ट्रियों के कारण जल के स्त्रोत प्रभावित हो रहे हैं। व्यक्तिगत तौर पर भी लोग पानी की बर्बादी कर रहे हैं। इससे स्वच्छ जल की मांग बढ़ रही है और पूर्ति बाधित हो रही है। उधोगीकरण से बढते प्रदूषण के कारण हमारे ग्लेशियर जो की मीठे पीने योग्य पानी के आपूर्तिकर्ता है प्रदूषण के कारण बढ़ रहे तापमान से निरंतर पिघलते जा रहे है जिससे योग्य पानी की दिन प्रतिदिन क्षति होती जा रही है|
इस कारण विश्व जल दिवस 2025 का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को कम करने ग्लेशियर को पिघलने से रोकना है|जिससे पीने के पानी की आपूर्ति बनी रहे|