फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)जनपद दौरे पर पंहुचे उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग के सदस्य रमाकांत उपाध्याय नें कहा की गायों के विषय में सरकार की योजनाओ और उनकी गुणवत्ता पर चर्चा की| उन्होंने कहा कि गायों के दूध से ज्यादा उनके गोबर और गौमूत्र की कीमत है, जिसे किसान समझें|
जनपद आगमन के दौरान उमाकांत उपाध्याय नें बढ़पुर ब्लाक की गौशाला का निरीक्षण किया। बताया कि गौशाला में जो हमने देखा उससे तो लगता है कि सभी गौशालाओं में गऊमाता को चारा पानी बेहतर खूब मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नें उर्वरक के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करने का सरकार ने खाका तैयार किया है। उन्होंने कहा की सरकार गाय की सुरक्षा के लिए काफी गंभीर है। उन्होंने बताया कि अब गौपालक को सरकार प्रतिदिन 50 रुपया एक गौवंश पर देगी। साथ ही सौर ऊर्जा सब्सिडी के तहत लगायी जायेगी| गाय के गोबर व गौ मूत्र का इस्तेमाल कैसे करें इसकी जानकारी प्रशिक्षण के रूप में दी जायेगी| इसके साथ ही बायो गैस का भी वह अपने घर में भोजन बनाने के लिए उपयोग कर पायेंगे। किसान को एक ही छत के नीचे बायो गैस, जैविक खाद, घर में बिजली के अलावा जो भी जैविक खाद अतिरिक्त बचेगी उसकी बिक्री कर सकते है। अभी तक किसान भाई केवल गाय के दूध का ही महत्व समझ रहे थे, अब सरकार दूध की कीमत से ज्यादा गाय के गोबर व गौ मूत्र की कीमत के महत्व को समझानें का प्रयास करेंगी|
डॉ. राकेश तिवारी की देखी गौशाला
उमाकांत उपाध्याय नें बताया कि डा० राकेश तिवारी की गौशाला को भी देखा। डा० तिवारी गौमूत्र को पानी के साथ होने वाली फसल में लगाकर बेहतर नश्ल की फसल तैयार कर रहें हैं| गौमाता से प्राप्त होने वाले गोबर व गौमूत्र का उपयोग कर गुड़ से लेकर कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाकर लोगों की सेवा कर रहे है।इसी प्रकार किसान जैबिक खाद का प्रयोग करे|
दूध से ज्यादा गाय के गोबर और गौमूत्र की कीमत: रमाकांत उपाध्याय
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