फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) माँ गंगा की गोद में एक माह तक जप, तप व ध्यान कर कल्पवास करनें वाले श्रद्धालु माँ गंगा से फिर बुलानें की मन्नत मांग कर अपने-अपने घरों को रवाना होनें लगे हैं| पूरे माह क्षेत्र में गंगा और ज्ञानगंगा का अनूठा संगम देखने को मिला। वैष्णव, नागा संप्रदाय के संतों के समागम से क्षेत्र में चार चांद लगे रहे। भांति भांति के अनुष्ठानों से रामनगरिया देव भूमि बनी रही। सभी प्राकृतिक नियमों के बंधन में बंधे रहे।
कल्पवासियों व साधु-संतों ने बुधवार को माघी पूर्णिमा पर मां गंगा में पुण्य की डुबकी लगाकर आशीर्वाद लिया। अगले वर्ष आने की अनुमति लेकर अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान किया। वहीं मेला क्षेत्र व गंगा के तटों पर गंदगी छोड़ गये। बाजार व मनोरंजन क्षेत्र में खासी भीड़ रही। गंगा की उठती कल-कल लहरें व कलकल ध्वनि सभी को आर्शीवाद देती ज्ञात हुई। कल्पवासियाें की विदाई के दृृश्य देखकर न केवल कल्पवासी गृृहस्थाें ही नहीं बल्कि साधु संतों के अनुआइयाें का भी गला भर आया।
माँ गंगा से फिर बुलाने की मनन्त मांग घर लौटनें लगे कल्पवासी
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