लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार राम मंदिर में नव वर्ष का अद्भुत नजारा देखने को मिला| पहले दिन राम मंदिर में विराजमान श्री रामलला का सुबह विशेष श्रृंगार किया गया,सरयू के जल से अभिषेक के बाद रामलला को रत्न जड़ित हरे रंग का पोषक पहनाया गया और सोने का मुकुट धारण कराया गया|सुबह 6:00 विशेष आरती पूजन के बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोले गए|ठंडी हवाएं और ठिठुरन के बाद भी राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा|ट्रस्ट के मुताबिक लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन पूजन किया|दर्शन मार्ग जन्मभूमि पथ से ही ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए मंदिर पहुंचे और रामलला का दर्शन किया|
वहीं दिन निकलने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती रही और 11 बजते ही राम मंदिर से जन्मभूमि पथ और रामपथ पर हनुमान गढ़ी तक कतार गई, भीड़ का अधिक दबाव देखने के बाद अधिकारियों ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया|आनन फानन में एसपी सुरक्षा ने मौके पर पहुंच कर बाहर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए अंगद टीले का मार्ग खुलवाया|रिकार्ड तोड़ते हुए भारी संख्या में श्रद्धालु रामनगरी अयोध्या पहुंचे,सरयू नदी में स्नान के बाद राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वर नाथ मंदिर सहित अन्य मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया|नव वर्ष के स्वागत में काशी का कोना- कोना उत्साह व उमंग से लबरेज रहा। घड़ी की घंटे व मिनट की दोनों सुइयां रात में 12 पर पहुंची नहीं कि पटाखों व रोशनियों से आसमान की जो शोभा बढ़ी वह सूर्योदय होते ही द्विगुणित हो गई। लोगबाग ठंड की परवाह न करते हुए सुबह ही घरों से निकल पड़े।
भगवान भास्कर ने भी काशी के उत्साही व उत्सव प्रेमियों का खूब साथ दिया।काशी विश्वनाथ मंदिर नव्य- भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का आलम यह था कि बाबा दरबार में पहुंचने वाले मार्गों पर लोगों का रेला लग गया था। येलो व रेड जोन में लोगों को घण्टों लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। तब जाकर उन्हें बाबा का दर्शन मिला। व्यवस्था के अनुसार गर्भ गृह में किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। मंदिर के सभी द्वारों से प्रवेश दिया जा रहा था। हालांकि सर्वाधिक भीड़ बांसफाटक की तरफ स्थित गेट नंबर चार प्रवेश द्वार पर थी।नए वर्ष के स्वागत के लिए बरसाना के राधारानी मंदिर में बुधवार को श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। राधारानी मंदिर से लेकर बड़ी सिंह पौर तक श्रद्धालु इतने थे कि पैर रखने की भी जगह नहीं बची।
दिन में कई बार यहां की व्यवस्था भीड़ के कारण बिगड़ी।नव वर्ष के पहले दिन बुधार को नटवरनागर के दर पर दर्शन को श्रद्धा का समंदर उमड़ा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, बरसाना के राधारानी मंदिर में इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने की जगह नहीं बची। भीड़ अधिक होने पर ठाकुर बांकेबिहारी के मंदिर के पट सुबह निर्धारित समय से पौने दो घंटे पहले खोल दिए गए।
अंग्रेजी नव वर्ष को मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब
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