मुंबई:महाराष्ट्र में महायुति सरकार बनते ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने 2021 में जब्त की गई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मुक्त दिया है।यह कदम बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उन पर और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज करने के बाद उठाया गया है।
अक्टूबर 2021 में इनकम टैक्स के अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम के तहत एक हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की थी|आयकर विभाग ने कई कंपनियों पर छापे मारे जिसमें ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो कथित तौर पर बेनामी पाए गए|आयकर विभाग ने इन संपत्तियों का स्वामित्व कथित तौर पर अजित पवार और उनके परिवार से जुड़े होने का दावा किया,हालांकि, न्यायाधिकरण ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके पक्ष में पर्याप्त सबूत नहीं हैं|इसमें यह भी कहा गया कि विचाराधीन संपत्तियों के लिए सभी भुगतान वैध माध्यमों से किए गए थे|ट्रिब्यूनल ने आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि अजित पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार ने बेनामी संपत्तियां खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर किया|
संजय राउत ने कसा तंज:
इस मामले पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आईउन्होंने कहा कि अजित पवार बीजेपी के साथ आए, तो सब वाशिंग मशीन से साफ हो गया,बीजेपी से हाथ मिलाइए तो सब साफ हो जाता|
बता दे कि इस बार महाराष्ट्र में एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी है जिसमे बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि उनके साथ अजित पवार और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की|