फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) आज यानी सोमवार से नया कानून लागू हो गया है। आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो चुका है। पुराने कानूनों में बदलाव से आमजन को सबसे अधिक फायदा होगा।
511 में से रह गईं सिर्फ 358 धाराएं
अधिकारियों ने बताया कि पहले आईपीसी एक्ट के तहत 511 धाराएं थीं, जो अब 358 रह गई हैं। उन्होंने बताया कि अब न्याय प्रणाली में तेजी आएगी। महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न के दृष्टिगत कानून सख्त किए गए हैं। महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए कई नई धाराएं भी बनाई गई हैं।
अब बहला-फुसलाकर ले जाने पर दर्ज होगा मुकदमा
उन्होंने बताया कि विवाहित महिलाओं को बहला-फुसलाकर ले जाने की पहले कोई धारा नहीं थी, लेकिन अब नई धारा-84 के तहत मामला दर्ज होगा। इतना ही नहीं इस धारा के तहत मामला दर्ज होने पर दो साल की सजा का प्रविधान है।
दूसरी शादी करने पर होगी सात साल की सजा
वहीं, यदि पहली शादी होते हुए कोई कपटपूर्वक किसी महिला से शादी करता है या पत्नी के जिंदा रहते हुए दूसरी शादी करता है तो ऐसे मामलों में सात साल की सजा हो सकती है।