दूसरी बीवी के चक्कर में बुरे फंसे लल्लन बेचारे

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फर्रुखाबाद: दूसरी पत्नी के चक्कर में शनिवार को जिला पंचायत के चतुर्थ् श्रेणी कर्मचारी लल्लन की अच्छी खासी फजीहत हो गयी। एसपी कार्यालय में शिकायत करने आयी लक्ष्मी को सुलक्ष्णा सिंह अपने साथ लेका जिलापंचायत कार्यालय पहुंच गयीं। वहां उन्होंने सरेआम बेचारे लल्लन की न सिर्फ खींचतान करदी, उनके साथ गयी कार्यकत्री रामा सक्सेना तो बाकायदा अपने बैग से बेलन ही निकाल लिया। राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राकेश सारस्वत ने जैसे तैसे बीच बचाव कर मामला निबटाया।

विदित है कि जिलापंचायत में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लल्लन की पहली पत्नी की कई वर्ष् पूर्व मृत्यु हो चुकी है। कुछ वर्ष् पूर्व लल्लन ने गोरखपुर से लाकर एक विधवा लक्ष्मी को बतौर पत्नी अपने साथ घर ले कर रख लिया। लक्ष्मी के पहले पति से दो बच्चे थे, बाद में दो बच्चे लल्लन से भी हो गये। इध्रर कुछ दिनों से दोनों में मनमुटाव हो गया था। आये दिन मारपीट व पैसा न देने से नाराज लक्ष्मी ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आ कर शिकायत की। एसपी ने रोजमर्राह की तरह यह प्रार्थनापत्र भी अपने पास कार्रवाई का आश्वासन दे कर रख लिया, परंतु एसपी आफिस में ही मौजूद महिला नेत्री सुलक्ष्णा सिंह ने मामले को लपक लिया। अपनी साथी महिलाओं के साथ वह लक्ष्मी को लेकर जिलापंचायत कार्यालय पर जा धमकीं। महिलाओं की भीड़ के साथा लक्ष्मी को आया देख कर लल्लन के तो होश पहले ही फाख्ता हो चुके थे, ऊपर से सुलक्ष्णा सिंह व उनके साथ् गयी रामा सक्सेना आदि के तेवरों से तो उसकी जान ही निकल गयी। काफी देर खेंचतान और हाय तौबा के दौरान विकास भवन के कर्मचारी भी निकल कर जिला पंचायत कार्यालय पहुंच गये। इसी ड्रामें के दौरान रामा सक्सेना तो अपने बैग में अकसर पड़े रहने वाले बेलन को बाहर निकाल लिया। इसी बीच पहुंचे राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राकेश सारस्वत ने जैसे तैसे मामले को सुलझाया।

लक्ष्मी का आरोप था कि लल्लन अब उसे आये दिन मारता पीटता है, खर्चे के लिये पैसा भी नहीं देता है। उसके चार बच्चे हैं। एक लड़की तो सयानी है। लक्ष्मी ने लल्लन पर किसी दूसरी महिला के चक्कर में फंस जाने का भी आरोप लगाया। जबकि लल्लन का कहना था कि उसकी पहली पत्नी की पुत्री भी अब जवान हो रही है। उसकी शादी के लिये भी उसे इंतजाम करना है। इसलिये वह कुछ पैसा उध्रर भी लगा रहा है। लक्ष्मी इस बात से चिढ़ती है कि मैं पैसा अपनी पहली पत्नी के बच्चों को क्यों देता हूं।

खैर श्री सारस्वत ने लल्लन से लक्ष्मी को पांच सौ रुपये दिलवाये और उसे समझा बुझा कर घ्रर भेज दिया। दोनों को आपस में न लड़ने और भविष्य में शिकायत न मिलने की चेतावनी भी दी।