फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) काफी लंबे समय तक चली कमल व हाथी की लड़ाई बीते दिनों थम गई जब हाथी ने मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर कमल थाम लिया। लेकिन अब कईयों के राजनैतिक समीकरण बिगड़ जानें का खतरा बढ गया। खतरा बढ़ा तो बेचैनी भी बढ़ी जिससे बीजेपी का कमल थामे पूर्व एमएलसी मनोज अग्रवाल कई नेताओं के नाक का बाल हो गये हैं। जिसका परिणाम भी दिख रहा है। दरअसल बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्व एमएलसी का स्वागत पार्टी कार्यालय में होना था जिसे मौके पर स्थागित कर स्थान बदला गया। इसका कारण राजनैतिक खुन्नस है जो आज से नही चुनाव दर चुनाव से चली आ रही है। दरअसल पूर्व एमएलसी के बीजेपी में भी पुराने संबध और शुभचिंतक भी हैं। एमएलसी होने के दौरान उन्होंने बीजेपी नेता के विद्यालय में बड़ा बजट दिया था तो क्या अब जब वह नेता सत्ता में है तो उनका भी फर्ज बनता है कि पूर्व एमएलसी को सत्ता सुख दिलाये। दूसरी तरफ जिले के एक बड़े बीजेपी नेता ने चुनाव में मनोज की मदद की थी लोगो से फोन करके मनोज अग्रवाल की पत्नी वत्सला को चेयरमैन के चुनाव में वोट देंने की अपील की। बीजेपी में मनोज को लाने में उस बीजेपी नेता की भी अहम भूमिका है । छोटा शहर है तो दीवारों के भी कान है। बात निशाने पर पंहुच ही जाती है। अब मनोज के बीजेपी में आने से वैश्य वोट को साधने का काफी बेहतरीन प्रयास हुआ लेकिन कई नेताओं की राजनैतिक गुणा-गणित बिगड़ गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि शनिवार को मनोज अग्रवाल का बीजेपी जिला कार्यालय पर स्वागत का कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया। लोग उनके स्वागत के लिए एकत्रित हुए, लेकिन निर्धारित समय पर ही जिला बीजेपी कार्यालय में उनके स्वागत की अनुमति नही मिली! जिसके बाद बीजेपी के चुनाव कार्यालय पर सांसद मुकेश राजपूत, विधायक सुशील शाक्य, पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार आदि की मौजूदगी में स्वागत किया गया।