जीवन जीने की कला को सीखता है रंगमंच

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जनपद की रंगमंचीय संस्था नक्श थिएटर की बैठक में आगामी कार्यक्रमों की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई| जिसमे जीवन कहा गया कि जीवन जीने की कला को सीखता है रंगमंच|
शहर के मेमरान स्थित पश्चिमी रेलवे क्रासिंग नक्श फिल्म एण्ड स्टूडियों पर आयोजित बैठक में संस्था अध्यक्ष अमित सक्सेना ने कहा कि एक जिन्दगी में हजारों जीवन को जी लेना ही रंगमंच है| रंगमंच जीवन जीने की कला को सीखता है,हमारा उद्देश्य जिले में साधनहीन प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें मंच प्रदान करना है,जिले से विलुप्त होती रंगमंचीय कला को बचाना और रंगमंचीय कला को बढ़ावा देना संस्था का पहला उद्देश्य है आगामी दिनों में नुक्कड़ नाटक,कार्यशाला,रंग महोत्सव आदि का आयोजन किया जायेगा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर सर्वेश श्रीवास्तव ने कहा कि कलाकार नाटक के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करते हैं कलाकार को शांतिप्रिय,धैर्यवान,चिंतनशील होना चाहिए समाज में हो रहे कार्यों को नाटक के माध्यम से जनता के सामने प्रस्तुत करना उसका प्रमुख उद्देश्य होता है। बैठक का संचालन कर रहे सचिव राज गौरव पाण्डेय ने कहा कि एक कलाकार जीवन भर संघर्ष की भट्टी ने तपता रहता है तब कहीं जाकर उसे सफलता मिलती है लोग कलाकार की सफलता देखने से पहले उसके पीछे छिपे संघर्ष को भी देखे न जाने कितने रंगकर्मी अभिनेता कला और राष्ट्र सेवा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देते है,कलाकार का जीवन त्याग और समर्पण का जीवन होता है ।
बैठक में धीरज मौर्य,नेहा सक्सेना,विशाल पाठक,दिलीप कश्यप,अंकित गुप्ता,विशाल सिंह,प्रियांश,सत्य सिंह,मिष्ठी आदि थिएटर कलाकार उपस्थित रहे।