Monday, December 23, 2024
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काव्य धारा के बीच ‘जख्मों पे नमक का’ विमोचन

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) मेला श्री राम नगरिया के सांस्कृतिक पांडाल में स्थानीय कवि सम्मेलन में उपकार मणि उपकार के ग़ज़ल संग्रह “जख्मों पे नमक” का विमोचन वरिष्ठ ग़ज़लकार नलिन श्रीवास्तव , प्रशासनिक प्रतिनिधि मेला प्रबंधक संदीप दीक्षित, अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेंद्र प्रताप सिंह एवं मंच पर मौजूद वाणी पुत्रों के सानिध्य में हुआ। इसके बाद देर रात्रि तक सांस्कृतिक पंडाल में काव्य धारा प्रवाहित होती रही।
बुधवार देर रात को पांचाल घाट। गंगा तट पर विगत कई वर्षों तकसे चल रहे मेला श्री राम नगरिया के सांस्कृतिक पांडाल में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सत्य पाल सिंह प्रगल्भ ने की व संचालन युवा कवि वैभव सोमवंशी ने किया।अध्यक्षीय कवि सत्यपाल सोमवंशी ने ‘राम का विग्रह प्राण प्रतिष्ठा, अद्भुत ललित ललाम, राम टाट से ठाट में आए, मन्दिर ऐ प्रभुधाम पक्तियां पढ़ीं ।
कवयित्री प्रीति पवन तिवारी ने ‘दूरी आसमानों की नाप कर दिखाना है, तू भी मेरी जद है तुझको ये समझना है, करने दो खूब चर्चा वा चाल इस ज़माने को, जो हुए समर्थ उनके कदमों में ये जमाना है पंक्तियां पढ़ीं। कवयित्री अनुजा सोमवंशी क्षमा ने ‘हुआ आगमन राम लला का,अबध हुआ सुखधाम, नर नारी सब देखन चले छोडछाड़ सब काम।
गीता भारद्वाज ने कहा ‘लेखनी का शब्द शब्द मेरा सैनिक सा साहसी हो, प्रत्येक छंद गाये वंदे मातरम् ।
संयोजक महेश पाल सिंह उपकारी ने ‘कहा एक बार कहने से नाम का प्रतीक बनता,दो बार कहने से होता प्रणाम है, तीन बार कहने से दया और क्षमा आती,कहें अधिक बार बनता मंत्र राम नाम है । कवि दिलीप कश्यप कलमकार ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा ‘मन में उमंग लिए,जीत की तरंग लिए,प्राण त्याग भारती के लाल नहीं मरते रचना पढ़ी। उपकार मणि उपकार की ग़ज़ल शहर के शहर ही वीरान हुए जाते हैं, वो कह रहें हैं इधर से बहार गुजरी है । सराही गयी
निमिष टंडन ने कहा बोला मसीहा देख के मेरे जख्मों को,हमको तो ये जख्म पुराने लगते हैं। डा.राजेश हजेला ने नवगीत पढ़ा’अनजाने प्रश्न चिन्ह सामने खड़े हुए मानव के मानव से फांसले बड़े हुए। भारती मिश्रा ने स्त्री विमर्श के साथ ही श्रंगार परक रचनायें पढ़ कर कर वाहवाही लूटी। गजलकार नलिन श्रीवास्तव ने कहा – वो रोकते ही रह गये उसको जमीन पे लेकिन वो आसमान से आगे निकल गया।
नील कमल त्रिवेदी मोनू ने हास्य व्यंग के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर तीखे प्रहार किए, देवेश तिवारी ने श्रृंगार रस के गीत पढ़ें। सभी ने उपकार मणि को किताब के विमोचन पर बधाई दी। मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित ने कवियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
भूपेन्द्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ कवि प्रेम सागर चौहान, अनिल सिंह राठौर, सपा नेता राघव दत्त मिश्रा, विभोर सोमवंशी, दिव्यांशी सोमवंशी,श्याम चतुर्वेदी शिवम् दीक्षित, विपिन अवस्थी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहें।

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