जीवन और मृत्यु के चक्र में मौत सत्य

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) शहर के कादरी गेट कृष्ण नगर कालोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवसीय विश्राम दिवस था | जिसमें कथा व्यास नें विभिन्य बिन्दुओं पर कथा पाठ किया|
भागवत आचार्य कथा व्यास बजरंगी जी महाराज ने कहां जीवन और मृत्यु का यह चक्र है इसमें मृत्यु निश्चित है| इसे महोत्सव के रूप में मनाना चाहिए| लक्ष्मी का अवतार है रुक्मणी जब लक्ष्मी अकेली आती है तो चंचल हो जाती है, और जब नारायण के साथ में आती है तो रिद्धि सिद्धि सुरुचि प्रदान करती है| जिसे लक्ष्मी की चाहना है उसे श्री हरि का आवाहन करना चाहिये| उन्होंने सुदामा चरित्र का सुंदर वर्णन करते हुए कहा सुदामा एक बहुत ही सजन व साधु पुरुष है, वह कृष्ण के परम मित्र हैं अर्थात प्रशांत आत्मा में कभी क्रोध नहीं आता है, भगवान श्रीकृष्ण की दरिद्रता को उन्होंने अपने ऊपर ले लिया|
पांचाल घाट ऋषि आश्रम से पधारे हुए ब्रह्मचारी ईश्वर दास जी महाराज ने कहा विकास स्वरूप भक्त भगवान का स्वरूप माने गए हैं| जो कोई कपड़े रंग लेता अतः प्रवृत्ति में वैराग्य की इच्छा होनी चाहिए| कथा परीक्षित छोटे त्रिवेदी आदि रहे|