फर्रुखाबाद:(प्रमोद द्विवेदी) शहर भर में गणेश उत्सव की धूम है। बप्पा की अलग-अलग मनमोहक मूर्तियों से घर व बाजार गुलजार हैं। गणेश पूजा के लिए शहर में जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल सजकर तैयार हैं। शहर के मंदिरों में भी भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की व्यवस्था है। हर साल की तरह इस वर्ष भी गणपति बप्पा की पूजा के लिए कई जगह विशाल पंडाल सजाया गया है। बाजारों में गणेश भगवान के विभिन्न अवतारों की मूर्तियां खूब बिक्री हुईं|
नगर के बढ़पुर मिशन हास्पिटल के निकट व शहर के सुनहरी मस्जिद के निकट से बड़ी संख्या में मूर्तियों की बिक्री हुई | लोग बैंडबाजे के साथ गणपति को अपने घर लेकर पंहुचे| सोमवार रात तक मूर्तियों की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ नजर आयी| बाजार में इस एक हजार से लेकर 21 हजार तक की मूर्तियों की बिक्री हो रही है| गणपति के गृह प्रवेश को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व आस्था के साथ मनाया जाता है जैसा कि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में मनाया जाता है। श्रद्धालु गणेश चतुर्थी के दिन गौरी नंदन को मुहूर्त के समय पर गाजे-बाजे के साथ घरों व मन्दिरों में बिराजमान किया जायेगा|
मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं की रही मांग
इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों की मांग कम दिखी| जबकि मिट्टी से बनी मूर्तियों की मांग अधिक रही| मिट्टी से बनी मूर्तियों को लोगों अधिक पसंद किया| सुनहहरी मस्जिद के निकट मिट्टी से तैयार मुर्तियों की बिक्री कर रहे राहुल प्रजापति नें बताया कि वह मिट्टी से बनी मूर्तियों को बनाते हैं| जिसकी एडवांस में बुकिंग एक महीने पहले से हो रही थी|
इस शुभ मुहूर्त में घर में स्थापित करें गणपति
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला के अनुसार गणपति महोत्सव का श्रीगणेश 19 सितंबर से होगा। मंगलवार को मंगलमूर्ति के मूर्तियों की स्थापना घर-घर की जाएगी। 10 दिनों तक नियमित पूजा अर्चना के बाद अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन करके गणपति को विदाई दी जाएगी। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति से ओतप्रोत नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि गणपति बप्पा की मूर्ति लाने के लिए शुभ समय का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – 19 की सुबह 11:01 से दोपहर 1:28 बजे तक – अवधि – 02 घंटे 27 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 18 सितंबर दोपहर 12:39 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्ति- 19 सितंबर दोपहर 1:43 बजे
गणेश विसर्जन- बृहस्पतिवार, 28 सितंबर
ऐसे करें मूर्ति स्थापना
आचार्य सर्वेश शुक्ल के अनुसार चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ विघ्नहर्ता को धूमधाम से घर लाना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने के लिए सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश का मंत्र जाप करते हुए एक सुंदर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं। उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान गणपति का मुख उत्तर दिशा की ओर रखें। इसके बाद गणपति का सुंदर वस्त्र, आभूषण, कलावा, अक्षत, पुष्प, माला मुकुट आदि से शृंगार करें। लाल चंदन से भगवान का तिलक करें। इसके बूंदी के लड्डू या मोदक के साथ पंचामृत, पांच फल और पंचमेवा का भोग लगाएं। धूप-दीप से आरती करें।
तकरीबन 5 सैकड़ा से अधिक जगह होगी स्थापना
एक आंकड़ों के अनुसार पूरे जनपद में लगभग 5 सैकड़ा से अधिक जगह पर गणपति की स्थापना होगी | अकेले फतेहगढ़, मऊदरवाजा, कादरी गेट व शहर कोतवाली क्षेत्र में कुल 97 जगह प्रतिमा की स्थापना होगी|