Thursday, December 26, 2024
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सांप दंश से 14 गंभीर, दो की मौत

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पिछले एक दिन में जिला अस्पताल में सर्पदंश के 14 मामले सामने आ चुके हैं। जिन्हें उनके स्वजन लोहिया अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सक ने दो को मृत घोषित कर दिया। बाकी उपचार के बाद ठीक हुए। सर्पदंश के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जिसमे दो की मौत भी हो गयी | लिहाजा चिकित्सक बरसात के मौसम में सभी को सुरक्षित रहनें की सलाह दे रहें हैं|

बीती रात 12:5 बजे थाना नवाबगंज के ग्राम ढिढूलिया पट्टी निवासी 22 वर्षीय बृजेश पुत्र विनोद कुमार, शाहजहाँपुर के अल्लागंज राज किराया निवासी 27 वर्षीय सुधीर पुत्र मदन पाल को सुबह 4:30 बजे लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया | इसके साथ अमृतपुर के ग्राम खाखीन निवासी 27 वर्षीय रेखा पत्नी आदेश, नगला हुसा अमृतपुर की 12 वर्षीय सागर पुत्र सुभाष, थाना जहानगंज के नगला रूप निवासी 26 वर्षीय राहुल पुत्र कुंवर सिंह, कोतवाली मोहम्मदाबाद के नगला समर निवासी 38 वर्षीय मिथिलेश पत्नी शौलेश, शाहजहाँपुर के चौरा बांगर निवासी शाहिद खां पुत्री शकील, जहानगंज के राठौरा मोहद्दीनपुर निवासी राजू का 8 वर्षीय पुत्र आयुष, 50 वर्षीय सुनील कुमार पुत्र सीताराम, विचपुरी कमालगंज निवासी 40 वर्षीय गंगा श्री पुत्री अशोक को सर्प दंश होनें पर लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया| जिनका उपचार चल रहा है|
दो की सर्पदंश से मौत
वहीं जनपद हरदोई के पाली तेहरापुर मडैया निवासी 11 वर्षीय आरती पुत्री नरेश कुमार व फतेहगढ़ हुसैनपुर नौखंडा निवासी 8 वर्षीय बालक सदानंद पुत्र अवधेश को भी सर्प दंश में भर्ती किया गया| जहाँ चिकित्सक नें दोनों को मृत घोषित कर दिया|
क्या बोले चिकित्सक
चिकित्सक ने बताया कि सर्प दंश के मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल लेकर आएं। बायगीर से झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें। जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन मौजूद है। इलाज के लिए सभी दवा हैं। सर्प दंश के मरीज का बेहतर उपचार किया जाता है।
सर्पदंश एक गंभीर आपदा के रूप में सामने आई है। इसके चलते सर्पदंश को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है। सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए प्राथमिक उपाय के रूप में लोगों को सर्पदंश से बचने के उपायों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। बरसात के मौसम में सर्प अक्सर बाहर निकल आते है, इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है।
इस तरह करें बचाव
1. बरसात के मौसम में बाहर निकलते समय बूट, मोटे कपडे़ का पैंट आदि पहने।
2. सांप दिखने पर पास न जाए और न ही उसे मारने की कोशिश करें, उसे बचकर जाने दें। हलचल एवं कंपन आदि से सांप दूर भागते हैं।
3. सर्पदंश पर घबराये नहीं, आराम से लेट जायें, कपडे़ ढीले कर दें, चूड़ी, कड़े, घड़ी अंगूठी जैसे आभूषण निकाल दे।
4. छोटे बच्चे, वृद्ध और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों में जहर का असर गंभीर हो सकता है, इनके उपचार में देरी न करें।
5. घाव के साथ छेड़छाड़ न करें। दौड़ने भागने से जहर तेजी से शरीर में फैलता है।
6. सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को मदिरा, नशे की कोई चीज और कैफीनेटेड ड्रिंक्स न दें।
7. झांड़-फूंक से बचें। पीड़ित को जल्द अस्पताल ले जाएं और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार ले।
सर्पदंश के बाद लक्षण
1. अधिकांश सांप मांसाहारी होते हैं एवं छोटे जीव-जंतुओं को खाते हैं। मनुष्यों को ये अपने ऊपर खतरा देख कर ही काटते है। इन्हें छेड़ा न जाये तो ये मनुष्यों को नहीं काटते।
2. सांप के जहर से ऊतक नष्ट होते हैं, नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, ब्लड प्रेशर एवं हृदय पर असर अथवा क्लॉटिंग एवं रक्तस्त्राव होता है।
3. लक्षण उत्पन्न होने में कभी-कभी 6 से 12 घंटे का समय लग सकता है।
4. बिना जहर वाले सांप काटने पर काटे हुए स्थान पर थोड़ा दर्द और सूजन हो सकती है, जो सामान्यत: आसानी से ठीक हो जाती है।
5. जहरीले सांप के काटने पर यदि सांप द्वारा जहर नहीं उगला गया है तो खतरा नहीं होता है। यदि जहर उगला गया है तब काटने के स्थान पर तेज दर्द, छाला पड़ना, सूजन, लालिमा, नीलापन, रक्तस्त्राव, काला पड़ना या सुन्न होना हो सकता है।
6. सांप के जहर के असर से व्यक्ति के काटे वाले भाग के पूरे अंग में तेज दर्द हो सकता है, कम ब्लडप्रेशर, कमजोर नाड़ी, बढ़ी धड़कन, उल्टी, दस्त, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, देखने में दिक्कत, हाथ-पैर ठंडा होना, सुन्न पड़ना, पसीना आना आदि हो सकते हैं।

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