फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) इन दिनों बेसहारा पशुओं को लेकर प्रदेश में राजनीति गर्म है। जहां एक ओर सरकार बेसहारा पशुओं की समस्या को खत्म करने की कोशिश कर रही तो वहीं विपक्ष का चेहरा अखिलेश यादव लगातार इसी मुद्दे पर उन्हें घेर रहे हैं। इस राजनीति के बीच जनपद में बेसहारा पशु किसानों को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं।प्रदेश सरकार के भरसक प्रयास के बावजूद भी बेसहारा पशुओं की समस्या किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पलक झपकते ही बुसहारा पशु खेते में घुसकर फसल को चट कर जाते है। इसलिए फसल को बचाने के लिए किसान रात और दिन अपने अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं। फिर भी किसी ना किसी समय बेसहारा पशु आकर खेतों में नुकसान कर रहे हैं।पूरी-पूरी रात किसान टार्च लेकर रात भर अपने खेतों की रखवाली करते रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा कोई गांव नहीं है जहां किसान बेसहारा पशुओं से परेशान ना हो।
प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या बीते 5-6 सालों से ही है। लेकिन यह भी उतना ही बड़ा सच है कि बीते चार-पांच सालों में इस समस्या ने यूपी में विस्फोटक रूप धारण कर लिया है। ऐसा इसलिए कि 2017 में योगी आदित्यनाथ ने सीएम का पद संभालते ही कुछ बड़े फैसले लिए। यूपी के सैकड़ों अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया। जून 2020 में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश पारित किया जिसके मुताबिक गोवध करने वालों को 10 साल की सजा और 5 लाख रुपए जुर्माना भरना पड़ सकता है। सरकार का यह कदम तारीफ के काबिल रहा। पर गायों के लिए बने आश्रय सही ढंग से काम करने के लिए सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं किया। इसके बावजूद योगी ने एक जनसभा में कहा था कि ये पहली सरकार है, जिसने प्रदेश के अंदर अवैध बूचड़खानों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर गो-तस्करी को यूपी में प्रतिबंधित किया है। अब कोई व्यक्ति गो-हत्या की बात तो दूर,गाय से अगर क्रूरता भी करेगा उसकी जगह जेल में होगी।इससे पहले यूपी के लोग अनुपयोगी पशुओं को कसाईयों के हाथ बेच देते थे,जहां दूध न देने वाली इन गायों, बैलों व भैसों का इस्तेमाल मीट के लिए होता था। कानून बनने के बाद ऐसा न होने से अनुपयोगी पशु भी आवारा पशु में तब्दील हो गए। यही वजह है कि योगी की गौवंश नीति भाजपा के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनकर उभरी हैं।
किसानों ने लगाया लापरवाही का आरोप:
किसानों ने बताया कि क्षेत्र में बेसहारा पशुओं के लिए गौशाला बनाई गयी है,लेकिन लापरवाही के कारण बेसहारा पशुओं को उनमें नहीं रखा जा रहा है। अगर प्रशासन ने बेसहारा क्षेत्र में घुम रहे बेसहारा पशुओं की व्यवस्था शीघ्र नहीं की तो आने वाले दिनों में समस्या विकराल हो जाएगी और खेतों में फसल करना बहुत मुश्किल काम हो जाएगा। इसलिए प्रशासन को शीघ्र ही क्षेत्र में बनी गौशाला में घुम रहे बेसहारा पशुओं की व्यवस्था कराई जाए। तभी किसानों की फसल सुरक्षित रह सकती है।