Saturday, December 28, 2024
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खंड प्रेरक नें लगायी फांसी, सुसाइट नोट में फंस रहे अफसर

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) एडीओ द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमें में गिरफ्तारी के भय और खुद को निर्दोष बताते हुए खंड प्रेरक नें पांच पेज का सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाकर हत्या कर ली | सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया| पुलिस नें जाँच की| परिजनों नें बीडीओ और एडीओ पंचायत सहित तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानें को तहरीर दी है|
थाना कादरी गेट मोहल्ला गंगा नगर कालोनी निवासी प्रदीप कुमार सागर की पत्नी सुभद्रा राजेपुर के गाँधी जूनियर स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है| प्रदीप कुमार विकास खंड कमालगंज में खंड प्रेरक भारत मिशन के पद पर कार्यरत था| बीते 11 जुलाई 2023 को सहायक विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र नें प्रदीप कुमार व उसके साथी खंड प्रेरक आशीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर कमालगंज थानें में दर्ज करायी थी | जिसमे आरोप था की प्रदीप व उसके साथी आशीष पर आरोप था कि उन्होंने शौचालय विहीन पात्र लाभर्थियों की शौचालय को सुबिधा से आच्छादित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर उस पर सहायक विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र व खंड विकास अधिकारी आलोक मौर्य व ग्राम विकास अधिकारी आलोक दुबे के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कूट रचित तरीके से डिस्पैच नम्बर भी फर्जी डालकर जिलास्तर पर लक्ष्य आवंटन हेतु बिना किसी जानकारी के बनाकर प्रस्तुत कर दिया| मुकदमें में आरोपी खंड प्रेरक आशीष व प्रदीप पर पुलिस नें धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया | जाँच उपनिरीक्षक प्रशांत कुमार को दी गयी| जिसको लेकर वह मानसिक तनाव में रह रहा था| सोमवार को प्रदीप कुमार को पत्नी सुभद्रा सागर दोपहर लगभग 11 बजे प्रदीप को खाना देनें गयी तो कमरें का दरवाजा भीतर से बंद था | जिस पर सुभद्रा की चीख निकल गयी| चीख पुकार सुनकर प्रदीप के परिजन व अन्य लोग एकत्रित हो गये | प्रदीप के बड़े भाई जितेन्द्र नें गेट तोड़कर प्रदीप को फंदे से नीचे उताराऔर उसे लोहिया अस्पताल लेकर 11:35 बजे गये लेकिन लोहिया में प्रदीप को मृत घोषित कर दिया| मृतक की माँ पुष्पा व पत्नी सुभद्रा का रो-रो कर बुरा हाल हो गया|
कोर्ट में दायर की थी जमानत अर्जी
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदीप सागर नें कोर्ट में जमानत अर्जी भी डाली थी लेकिन अभी तक उसमे कोई फैसला नही हुआ था| लिहाजा प्रदीप को मुकदमें में गिरफ्तारी की आशंका को लेकर मानसिक तनाव था|
सुसाइड नोट में फंस सकती अफसरों की गर्दन
पुलिस अगर सुसाइड नोट को आधार बनाती है तो केस पेचीदा हो जायेगा| सोसाइट नोट में तो मृतक नें एडीओ पंचायत व बीडीओ आदि को उसको आत्महत्या के लिए मजबूर करनें का दोषी बताया है|

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