फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया| जिसमे जिले भर में कई कार्यक्रम भी आयोजित हुए | वहीं स्वास्थ्य केंद्रों व शैक्षणिक संस्थानों आदि पर पर विविध कार्यक्रम हुए। शिविर, गोष्ठी और परिचर्चा के जरिए जनपदवासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया।
विकास खंड बढ़पुर के ग्राम अमेठी में ग्रामीणों को मलेरिया दिवस पर मच्छर न पनपने देने की शपथ के साथ ही लोगों को मलेरिया व अन्य मच्छर जनित बीमारियों के बारे में जागरुक कर लार्वा स्रोत भी देखे गए l
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था, जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब फॉगिंग का कार्य पूरे साल चलेगा। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन” है। इस थीम का उद्देश्य वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना और उनको जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। उन्होंने बताया कि जनपद में इस वर्ष अब तक 15829 लोगों की जांच की गई है। इसमें कोई भी मरीज मलेरिया ग्रस्त नहीं मिला l
प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आर सी माथुर ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार किया जाएगा।
हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर
मलेरिया निरीक्षक नरजीत कटियार ने बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
क्या करें
साथ ही कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।
नरजीत ने बताया कि आज अमेठी गांव में लगभग 213 लार्वा स्रोत देखे गए जिसमें से 43 जगह लार्वा मिला जिसको मौके पर ही नष्ट किया गया l वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक यादव, मलेरिया निरीक्षक संगीता, विकाश दिवाकर, अजय टैगोर, फील्ड वर्कर विकास मिश्र आदि रहे l