फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) शासन के आदेश पर बच्चों के अभिभावकों के खातों में यूनीफार्म की धनराशि भेजने की डीबीटी योजना परिषदीय स्कूलों में नामांकन की पोल खोल रही है। 7700 छात्रों के आधार कार्ड हीं नहीं हैं, जिस कारण डीबीटी पर उनकी फीडिंग नहीं हो सकी। इससे 7700 बच्चों का नामांकन फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है। स्कूलों में पंजीकृत 1.98 लाख बच्चों में अभी तक 1.62 लाख बच्चों को यूनीफार्म का पैसा मिला है, बाकी की कार्रवाई अधर में लटकी चल रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग के 1575 परिषदीय, राजकीय व अनुदानित विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक जिले में 1.98 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृज हैं। इन सभी को शासन के आदेश पर समग्र शिक्षा अभियान के तहत यूनीफार्म दी जाती थी। इसके लिए शासन से बजट विभाग में आता था। जो विद्यालय में छात्र संख्या के आधार पर भेज दिया जाता था।
इसमें विभागीय लोगों से मिलकर अन्य लोग खेल करते थे। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने यूनीफार्म के 1100 और 100 रुपये स्टेशनरी के छात्र के अभिभावक के खाते में भेजने के लिए डीबीटी योजना शुरू की। विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं की डीबीटी पोर्टल पर बच्चे का नाम, कक्षा, उसका आधार कार्ड, पिता का नाम, आधार कार्ड, मां का नाम, आधार कार्ड समेत अन्य विवरण के साथ फीडिंग करने का आदेश दिया गया था। शैक्षिक सत्र 2022-23 में कक्षा एक से आठ तक डीबीटी पर 1.98 लाख बच्चे पंजीकृत हुए। शासन से धीरे-धीरे कर बच्चों के अभिभावकों के खातों में यूनीफार्म के 1100 और स्टेशनरी के 100 रुपये आने शुरू हुए। 1.85 लाख छात्रों के आधर कार्ड सत्यापित हो पाए हैं। जिस कारण अभी तक 1.62 लाख बच्चों के अभिभावकों के खातों में यूनीफार्म की धनराशि आई है। 1400 से अधिक बच्चों के आधार कार्ड का सत्यापन नहीं हो पाया और 7700 से अधिक ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं। इस कारण 7700 से अधिक छात्रों का पंजीकरण फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है। इनको छोड़कर अन्य बच्चों के खातों में धनराशि भेजने की प्रक्रिया चल रही है। बीएसए लालजी यादव ने बताया कि 1.62 लाख से अधिक बच्चों के खातों में डीबीटी से यूनीफार्म की धनराशि जा चुकी है। बकाया की भी जा रही है।