फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) माघ पूर्णिमा पर जनपद के गंगा घाट तड़के से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती रही। ऐसे में पांचाल घाट की छटा ही निराली दिखी। शहर से लेकर घाट तक से लेकर गंगा घाटों पर हर हर गंगे का जयघोष गूंजता रहा। पांचाल घाट की रामनगरिया के घाटों पर जनसैलाब उमड़ा। यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। छोटे से लेकर बड़ों और महिलाओं में गंगा स्नान को लेकर काफी उत्साह दिखा। ट्राफिक की व्यवस्था भी संतोष जनक रही| जिससे मुख्य मार्ग पर जाम की स्थित नही रही|
दरअसल पांचाल घाट पर मेला रामनगरिया बीते एक महीने से चल रहा था| जिसका माघ पूर्णिमा के साथ ही समापन भी हुआ| अब कल्पवासियों का माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद से घर वापसी का दौर भी शुरू हो गया है| पांचाल घाट गंगा तट पर माघ में रामनगरिया में कल्पवास मेला लगता है। दूर दूर से लोग गंगा स्नान को आते हैं। पूरे माह रुककर गंगा स्नान करते हैं। पूर्णमासी से ही लोगों का घर जाना शुरू हो जाता है। उसी को लेकर गंगा स्नान करने आए लोग पूर्णमासी स्नान कर घर की तरफ प्रस्थान करने लगे। सुबह माघ पूर्णिमा पर कल्पवासियों नें गंगा स्नान किया और घर वापसी की तैयारी भी शुरू कर दी| अधिकतर कल्पवासी रात में ही घर वापसी करेंगे|
कल्पवास को लेकर मान्यता
माघ मास में पावन गंगा तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं। कल्पवास धैर्य, अहिंसा और भक्ति का संकल्प होता है। गंगा किनारे रामनगरिया में कल्पवास का अधिक महत्व है। माघ के धार्मिक अनुष्ठान से प्रतिष्ठानपुरी के नरेश पुरुरवा को कुरूपता से मुक्ति मिली थी। भृगु ऋषि के सुझाव पर व्याघ्रमुख वाले विद्याधर और अभिशप्त इंद्र को माघ स्नान के महाम्त्य से ही श्राप से मुक्ति मिली थी। पद्म पुराण के अनुसार-माघ स्नान से मनुष्य के शरीर के कष्ट दूर हो जाते हैं।
ट्रफिक पुलिस की रही बेहतर व्यवस्था
यातायात प्रभारी रजनेश कुमार नें बेहतर यातायात व्यवस्था रखी| जगह-जगह बैरियर लगाकर बड़े वाहनों को रोंक कर सड़क किनारे खड़ा कराया गया| सेंट्रल जेल चौराहा, कादरी गेट-पांचाल घाट मार्ग पर, मसेनी के निकट बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोंक लगा दी गयी| केबल पैदल को ही आगे जानें की अनुमति दी गयी| जिससे जाम की झाम से निजात मिली|