फर्रुखाबादः अपर उपजिलाधिकारी सदर रविंद्र कुमार ने बुधवार को बीएसए कार्यालय से एक ट्रेक्टर पर लदकर जारही किताबें पकड़ीं और संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज किये।
बुधवार दोपहर जिलाधिकारी को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक ट्रेक्टर पर कुछ किताबे लादकर ले जाये जाने की सूचना जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल को मिली थी। डीएम ने तत्काल अपर उपजिलाधिकारी सदर रविंद्र कुमार को मौके पर पहुंच कर जांच करने के निर्देश दिये। श्री वर्मा के पहुंचने पर ट्रैक्टर चालक ने वाहन को भगाने का प्रयास किया। इस पर उनके ड्राइवर ने दौड़कर ट्रैक्टर को रोका और ड्राइवर से चाभियां छीन लीं। एसडीएम के हड़काये जाने पर चालक ने बताया कि यह किताबे उसको एबीएसए मोहम्मदबाद जेपी पाल ने लादने को कहा था। श्री पाल ने बताया कि किताबे जिला संमंवयक एसएन मिश्रा ने दी थीं। इस पर बीएसए डा. कौशल किशोर को बुलाया गया तो उन्होंने बताया कि किताबे अभी आयी हैं। यह अध्यापकों के प्रशिक्षण से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण समाप्त हो चुका है। फिर किताबे क्यों बची हुई हैं। इसका वह कोई जवाब नहीं दे सके। एसडीएम ने पुस्तकें प्राप्त होन के संबंध में जानकारी की तो बताया गया कि मई में प्राप्त हुई है। इस विषय में बीएसए ने बताया कि भुगतान किया जा चुका है। प्रश्न यह है कि यदि भुगतान हुआ था तो वह 31 मार्च से पूर्व हुआ होगा। तो फिर किताबें आने से पूर्व ही भुगतान कैसे हो गया। श्री वर्मा ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों के अतिरिक्त अनुसूचित जाति कर्मचारी संध के पदाधिकारी नानक चंद्र के भी बयान लिये जिन्होंने कहा कि पहले भी बेसिक शिक्षा की पाठ्य पुस्तकें कबाड़ी की दुकान पर मिलने का मामला सामने आ चुका है। स्कूलों के लिये आने वाले कंप्यूटर कार्यालय के बाबुओं के पास हैं, जिससे बच्चों को कंप्यूटर सीखने को नहीं मिल रहा है।
एसडीएम श्री वर्मा ने बताया कि प्रकरण की जांच की जायेगी। तदनुसार रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जायेगी।