फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) देवोत्थान एकादशी का पर्व शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। घरों में चौक सजाकर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजन किया। मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी पर भगवान चार महीने की निद्रा से जाग्रत होते हैं, इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
शुक्रवार सुबह से ही हिंदू परिवार में चहल-पहल रही। कोई गन्ना खरीदने जा रहा था, किसी को सिंघाड़ा और शकरकंद खरीदना था। घर के आंगन में आटा और हल्दी से चौक सजाया गया। घर की महिलाओं ने एकत्रित होकर सामूहिक रूप से पूजन किया। पुरुषों और बच्चों ने गन्ने को तोड़कर उसके ऊपर के हिस्से को चारों दिशाओं में फेंककर सुख-शांति की कामना की। घरों में महिलाओं ने शकरकंद, सिंघाड़े उबालकर एक-दूसरे को बांटे।
कई घरों में तुलसी के पौधे को चौक पर रखकर शालिग्राम के साथ उनके विवाह की रस्म भी अदा की गई। भगवान को गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़ा का भोग लगाया और आरती उतारी। श्रद्धालुओं ने देवताओं से घर में खुशहाली की कामना की। महिलाओं ने एकादशी का उपवास भी रखा। परंपरा के अनुसार देवों को जगाने के लिए लोक गीत गाए गए। इसके साथ ही घरों में मांगलिक कार्य आरंभ हो गए।
खूब बिका गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़ा
देवोत्थान एकादशी पर गन्ना की पूजा करने की पंरपरा है। घरों में आटा व हल्दी से चौक बनाने के बाद गन्ना को सजाया जाता है। इसके साथ ही शकरकंद और सिंघाड़ा को रखकर भगवान हरि विष्णु को भोग लगया जाता है। शुक्रवार को पूजा के चलते बाजार में गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़ा की खूब बिक्री हुई। लोग इनको खरीदकर अपने घर ले गए। जिससे दुकानदार खुश नजर आए।