फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) गुरुवार को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरे का रावण दहन के साथ समापन हो गया। फतेहगढ़ व मऊदरवाजा में रावण दहन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ | पहले प्रभु श्रीराम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। जिसमें रावण की पराजय हुई। प्रभु श्रीराम ने अपने तीर से रावण समेत लंका को जलाकर भस्म कर दिया। वहां मौजूद हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रभु श्रीराम के नारे लगाए। कोरोना महामारी के दो साल बाद रावण दहन का कार्यक्रम हुआ।
फतेहगढ़ के करिअप्पा मैदान में श्रीरामलीला परिषद की तरफ से रावण,कुंभकरण व भेघनाथ के पुतले लगाये गये| दोपहर बाद से ही फतेहगढ़ में भीड़ रावण दहन देखनें के लिए एकत्रित होनें लगी| दूर-दूर तक मेला लगाया गया| सेना के मैदान में सभी को जानें की अनुमति नही थी| जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव, एसपी अशोक कुमार मीणा आदि अधिकारी पंहुचे और उनके सामने श्रीराम नें रावण का बध किया और कुछ देर में ही रावण धूं-धूं कर जलने लगा| डीएम-एसपी ने फुलझड़ी जलाकर खुशियाँ मनायीं| कमेटी के अध्यक्ष रविश द्विवेदी, महामंत्री पंकज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष चमन टंडन, रानू दीक्षित आदि रहे|
मऊदरवाजा में बारिश में भीगा रावण
मऊदरवाजा में भी रामलीला के मंचन के बाद रावण दहन का कार्यक्रम हुआ | जिसमे रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतले लगाये गये थे| बारिश के कारण पुतले भीग गये | जिससे पुतला दहन में काफी कठिनाई हुई | कुम्भकरण का पुतला जलनें से पहले ही गिर गया| रावण को पालिका की मशीन से खड़ा करनें का प्रयास किया बमुश्किल खड़ा हो सका | बाद में पुतला दहन हो सका | इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष मनमोहन मिश्रा, सनी जैन , कोषाध्यक्ष अजीत जैन, गणेश मिश्रा, नारद, कुंबर सिंह शाक्य आदि रहे|