फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) श्री रामलीला मंडल के कलाकार द्वारा आज ताड़का वध का जीवंत अभिनय किया गया| जिसका श्रीराम नें वध किया|
असुरों-राक्षसों का आतंक बढ़ता जा रहा था। वे पूजा, हवन, यज्ञ सब खंडित कर देते, उन्हें सताते थे तब गाधितनय विश्वामित्र के मन में चिन्ता हुई। ये पापी राक्षस-असुर भगवान के बिना नहीं मरेंगें अत: महाराज दशरथ से उनके दो पुत्रों राम व लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा हेतु माँगने के लिए अयोध्या आ गए। हे राजन, प्रसन्न मन से कुछ समय के लिए इन्हें हमें सौंप दो। आयु के चौथे पन में पाये पुत्रों का मोह दशरथ जी को हुआ, तब कुलगुरू वशिष्ठ जी के समझाने पर राजा ने ने अपने पुत्रों राम-लक्ष्मण को उन्हें सौंप दिया। विश्वामित्र जी के साथ मार्ग में जाते समय ताड़का राक्षसी व. सुवाहु का वध रघुनाथ जी ने किया ताड़का का वध होते ही भक्तों ने कहा जय श्री राम, मार्ग में जाते समय श्राप के कारण. शिला वनी गौतम ऋतृषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार प्रभु राम ने चरण रज – – देकर किया।” श्री राम विविध कला केन्द्र के पात्रों व कलाकारों ने मटर लाल दुवे के निर्देशन व श्री राम लीला मण्डल के तत्वावधान में लीला क्षेत्र रामबाग तथा सरस्वती भवन में लीला का भावपूर्ण व प्रभावशाली मंचन किया लीला क्षेत्र राम बाग में- वंश वाजपेयी (राम) अनिमेष दुवे (लक्ष्मण) अशोक मिश्र (विश्वामित्र) सरस्वती भवन में- यश मिश्र (राम) ईशू मिश्रा (लक्ष्मण) पुरुषोत्तम शुक्ल (विश्वामित्र) अवधेश वाजपेयी, अंशित दीक्षित, शिवओम, मोहन दुबे, छवि शुक्ला, अखिलेश, विमल चन्द्र किशोर शुक्ल, जीतू शुक्ला, राज गौरव पान्डेय, संकल्प पान्डेय, आदित्य तिवारी, सत्यम दीक्षित (व्यास), राम जी दीक्षित (रूप सज्जा), गौतम मिश्र (वस्त्र विन्यास) आदि ने लीला मंचन व व्यवस्था में सहयोग दिया।