नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने सोनिया गांधी को पांच पेज की लंबी चिट्ठी लिखी है। आजाद ने चिट्ठी में लिखा कि मैंने भारी मन से कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया है। बहुत खेद के साथ मैंने कांग्रेस से अपना सालों पुराना रिश्ता संबंध तोड़ने का फैसला किया। कांग्रेस ने पार्टी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले नेतृत्व को कांग्रेस जोड़ो यात्रा करनी चाहिए थी। कांग्रेस में कमजोरियों के बारे में बताने वाले 23 नेताओं को गाली दी गई उन्हें अपमानित और बदनाम किया गया। कांग्रेस में स्थिति उस स्थिति पर पहुंच गई है जहां से वापसी नहीं हो सकती है। पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए ‘प्रॉक्सी’ का सहारा लिया जा रहा है।आजाद ने पार्टी कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी को निशाने पर भी लिया है। आजाद ने कहा दुर्भाग्य से श्री राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री के बाद और विशेष रूप से जनवरी 2013 के बाद जब वे उपाध्यक्ष चुने गए। राहुल गांधी ने पार्टी में पहले से मौजूद परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया था।आजाद ने कहा कि इससे भी बदतर रिमोट कंट्रोल मॉडल’ था जिसने यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त कर दिया। रिमोट कंट्रोल मॉडल अब कांग्रेस में भी लागू हो गया है।हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में प्रचार कमेटी का चेयरमैन बनाए जाने के मात्र दो घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा कहा जाता है कि आजाद कमेटियों के गठन को लेकर खुश नहीं थे। आजाद का कहना था कि कमेटियां बनाते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। बताया जा रहा है कि आजाद पहले ही हाईकमान को कह चुके थे कि वह जम्मू-कश्मीर की कोई जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। हालांकि पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। प्रचार कमेटी से इस्तीफा देने के बाद आजाद ने अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया था।