नगर परिक्रमा: राशन कार्ड के नाम पर गरीबों से की गयी बसूली

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वार्ड नंबर : 02 (विवेकानंद नगर)

वार्ड सभासद: कुलदीप कठेरिया उर्फ़ चम्मू

मोहल्ले: सातनपुर, हसनबाग़, खेराताल, कनपुटियापुर, गुंजन विहार कालोनी, नारायन नगला, विजाधरपुर आंशिक आदि|

फर्रुखाबाद: सरकार गरीबों के लिए चाहे जितनी भी योजनायें बनाये, चाहे जितना बजट खर्च करे, चाहे जितने संसाधन जुटाए लेकिन उन सभी का वास्तविक लाभ शायद ही किसी गरीब को मिलता हो| गरीबों के पास तक जब तक ये योजनायें पहुंच पायें तब तक पता नहीं कितने पैसे वाले लोग गरीबों के निवाले को हड़प जाते हैं| इसी की एक बानगी है वार्ड 02 की नगर परिक्रमा|

जिन बिचारे गरीबों के पास एक इंच जमीन नहीं है, सर पर छत नहीं है और कमाई का कोई जरिया नहीं है| नारायन नगला के ऐसे गरीब लोगों के पास न तो बीपीएल कार्ड हैं, न अनत्योदय कार्ड हैं, न हीं महामाया आर्थिक गरीब मदद योजना में किसी का चयन हुआ और बृद्धा, विधवा व विकलांग पेंशन के लिए तो लोगों ने पता नहीं कितने बाबुओं के दफ्तरों के चक्कर काट लिए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई और थक हार कर घर बैठ गए|

इन गरीबों को इस सबका मलाल कम था हद तो तब हो गयी जब वार्ड सभासद ने ही लोगों से एपीएल कार्ड बनवाने के नाम पर 100-100 रुपये वसूल लिए और आज दिन तक किसी गरीब का एपीएल राशन कार्ड तक नहीं बना है|

नारायन नगला निवासी रेशमा के पति को गुजरे कई वर्ष बीत चुके हैं और परिवार में कोई सहारा भी नहीं है| शरीर से बिलकुल असहाय हो चुकी रेशमा दुसरे लोगों के घरों में काम करके अपना पेट पाल रही है| रेशमा के पति के द्वारा बनवाया गया कच्चा मकान पूरी तरह से टूट गया है| कानों से ऊंचा सुनती रेशमा पत्रकारों के सारे सवालों का सर्फ एक ही जबाब देती है सरकार तोउ गरीबन की सुनतै नाय|

शरीर से पूरी तरह कृषकाय हो चुके हरिराम ने बताया कि 2 वर्ष पहले वृद्धा पेंशन बनवाने के लिए तहसील के कई चक्कर काटे बाबू लोगों ने जो खर्चा माँगा वो भी दे दिया लेकिन हमारी पेंशन नहीं बंध पाई|

नारायन नगला निवासी रामकली, जयदेवी, सागर, मुन्नी व मोहनी आदि विधवा, वृद्धा व विकलांग पेंशन के लिए पता नहीं कितने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुकी हैं लेकिन इन लोगों कि किसी ने नहीं सुनी|

शुक्कनलाल, दयाराम, अमर सिंह, तोताराम, देवी दयाल, भूरे, शेर सिंह, रामौतार, जय सिंह, दरवेश, रहीश, रवीश, राजवीर सहित नारायन नगला के सैकड़ों लोगों ने बताया कि एपीएल राशन कार्ड के नाम पर सभासद कुलदीप कठेरिया उर्फ़ चम्मू ने हम लोगों से 100-100 रुपये जमा कर लिए लेकिन आज दिन तक एक भी राशन कार्ड किसी को प्राप्त नहीं हुआ है| लोगों ने कहा कि आजकल सरकार गरीबों को मुफ्त में सुविधाएं दे रही है लेकिन हम लोगों का काम पैसे देने के बाद भी नहीं हो रहा है|

नारायन नगला निवासियों ने वताया कि जितनी सुविधाएं गरीबों के लिए बनी हैं उनका किसी का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है बल्कि सब प्रकार से संपन्न लोग बीपीएल सूची में दर्ज हैं| गरीबों की कोई सुनवाई नहीं होती है|

सन्देश कटियार और सतेन्द्र कटियार ने बताया कि हमारा गांव नगर पालिका में है लेकिन यहाँ कि विद्युत व्यवस्था ग्रामीण फीदर से जुडी हुई है जिस वजह से बिजली बहुत काम आती है|

गुंजन विहार कालोनी निवासी अनंत मिश्रा, उपेन्द्र चतुर्वेदी, सौरभ मिश्रा, सचिन मिश्रा, पिंकू उपाध्याय, जेएस राजपूत, अनुज, सुधा राजपूत, विशुना देवी आदि ने बताया कि मकान का नक्शा पास करवाते समय नगर पालिका ने डेवलपमेंट शुल्क के रूप में हम लोगों से 11000 हजार रुपये जमा करवाए लेकिन पिछले 10 वर्षों में कालोनी में एक भी विकास कार्य नहीं करवाया गया है|

कालोनी निवासी लोगों ने बताया कि हमारे यहां बिजली, पानी, सड़क आदि कि कोई सुविधा नहीं है| मुख्य सड़क से पानी के निकास कि कोई व्यवस्था नहीं कि गयी जिससे सड़क टूट जाती है और गड्ढों के कारण लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं|

गुंजन विहार निवासी कमला मिश्रा ने बताया कि उनके विद्यालय के ठीक ऊपर से बिजली कि हाई टेंशन लाइन निकली है जिससे कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है| इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन विधुत विभाग ने इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है| मोहल्ले में लाइट की सप्लाई न होने के कारण मोहल्ले वासी विद्यालय की छत के ऊपर से हशन बाग़ से बिजली की केबिल डालकर लाये हैं| जो बीचबीच में टूट जाती है|

वार्ड सभासद कुलदीप कठेरिया ने बताया कि हमारा वार्ड दलित योजना के अंतर्गत आता है| लेकिन नगर पालिका चेयरमेन मनोज अग्रवाल ने इस वार्ड की तरक्की की ओर कोई ध्यान नहीं दिया| उन्होंने बताया कि हमने चेयरमेन का वार्ड में भव्य स्वागत किया था और हांथी पर बिठाकर उन्हें घुमाया था| लेकिन इस सब के बावजूद भी पूरे नगर में हमारा वार्ड सबसे अधिक उपेक्षित रहा| एपीएल कार्ड के नाम पर की गई बसूली के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि हमने लोगों से पैसा लेकर अधिकारी के पास जमा कर दिया था| लेकिन उस अधिकारी का कुछ समय बाद तवादला हो गया और सारा मामला अधर में लटक गया|

इसी प्रकार का मामला शौंचालयों का है जिसमे हमने वार्ड वासियों से २५०,२५० रुपये लेकर जमा कर दिए लेकिन किसी का भी शौंचालय अभी तक नहीं बना है|