फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) 500 रूपये के तगादे के प्रयास में गोली मारकर जानलेवा हमला करनें के मामले में अभियुक्त को न्यायालय नें दोषी पाते हुए 10 साल की सजा और अर्थदंड की सजा दी है|
मुईन आलम नें 15 जून 1995 में कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया था| जिसमे आरोप लगाया था कि उसके भाई कमर नें पप्पू पुत्र गंगा प्रसाद निवासी जाफरी फतेहगढ़ को 500 रूपये उधार दिये थे| लेकिन वह रूपये वापस नही कर रहा था| घटना वाले दिन कमर नें पप्पू को डाटकर कहा की आज शाम तक उसके रूपये दे दो| 15 जून की शाम लगभग 9:30 बजे नत्थू पहलवान के घर मुईम व उसका भाई कमर जा रहे थे तो रामशंकर यादव एडवोकेट के मकान के निकट पंहुचे तो पप्पू मिल गया और उससे कहा-सुनी हो गयी| जब दोनों जानें लगे तो पप्पू ने पीछे से कमर के पीठ में गोली मार दी| चीख पुकार सुनकर आस-पास के लोग आ गये पप्पू तमंचा दिखाता हुआ अपने घर की तरफ भाग गया| पुलिस ने पप्पू के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया| इसके बाद सुनवाई शुरू हुई| कोर्ट नें अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीले सुनने के बाद बुधवार को अभियुक्त पप्पू को दोषी करार दे दिया| न्यायालय ने उसे 10 साल की कारवास व 25 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है| अर्थदंड अदा ना करनें पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा|