लखनऊ:सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। इसमें योगी सरकार के सात मंत्रियों सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार शामिल हैं। छह जुलाई को रिक्त होने वाली विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव में सोमवार को नाम वापसी की अंतिम समयसीमा के बाद इसकी घोषणा कर दी गई|
दरअसल, विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव के लिए प्रक्रिया दो जून से शुरू हुई। नौ जून को आखिरी तारीख तक निर्धारित सीटों के लिए 13 ही नामांकन दाखिल किए गए। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच में सभी नामांकन वैध पाए गए। सोमवार को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। दोपहर तीन बजे तक की समय सीमा बीतने के बाद नियमानुसार चुनाव की स्थिति न बनने पर सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया। उन्होंने विधान परिषद सदस्य के लिए निर्वाचित किए गए प्रत्याशियों को निर्वाचन प्रमाण-पत्र सौंप दिए हैं।
भाजपा के प्रत्याशी : भाजपा प्रत्याशियों में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप, आयुष राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी शामिल हैं। अन्य दो में लखनऊ महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा और कन्नौज के पूर्व विधायक बनवारी लाल दोहरे हैं।
सपा के प्रत्याशी : सपा के प्रत्याशियों में स्वामी प्रसाद मौर्य सहित चार प्रत्याशियों ने विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन किया था। इनमें अखिलेश यादव के लिए करहल विधानसभा सीट छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव, सहारनपुर के शाहनवाज खान व सीतापुर के पूर्व विधायक जासमीर अंसारी शामिल हैं।
विधान परिषद में भाजपा होगी मजबूत : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की छह जुलाई को 13 सीटें खाली हो रही हैं। इसमें से भारतीय जनता पार्टी की तीन सीटें खाली हो रही हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के छह सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी के तीन और कांग्रेस की एक सीट खाली हो रही है। भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में सबसे अधिक फायदे में रही है। उसने नौ सीटों पर जीत दर्ज की है। इस प्रकार से बसपा और कांग्रेस की सभी खाली सीटों के अलावा सपा की दो खाली सीट भी भाजपा के पाले में गई है। इससे विधान परिषद में भाजपा की स्थिति और मजबूत होगी।