Tuesday, December 24, 2024
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सेन्ट्रल जेल के बाहर खुलेगा आउटलेट, मिलेंगे कारागार के उत्पाद

फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) सेन्ट्रल जेल में दशकों बाद उद्योगों के क्षेत्र के नई पहल भी शुरू कर दी गयी है| वरिष्ठ जेल अधीक्षक के प्रयास से अब जेल के बाहर आउटलेट खोलनें की तैयारी है| जिसमे जेल में निर्मित उत्पाद बिक्री हेतु रखे जायेंगे|
दरअसल सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ अपने बंदियों की कारीगरी के लिए काफी सुर्खियाँ बटोरता रहा है| लेकिन पिछले एक दशक से सेन्ट्रल जेल के उद्योग धंधे लगभग बंद की कगार पर आ गये थे| लेकिन अब सरकार की मंशा के चलते सेन्ट्रल जेल के उद्योग धंधे के दिन बहुर रहें है| जिसके चलते सेन्ट्रल जेल में स्थापित उद्योग व कौशल विकास योजना के तहत संचालित उद्योगों को बढावा देनें के लिए रोड़ मैप के अनुसार ओसीओपी  योजना के तहत बंदियों द्वारा निर्मित छपाई, जरी-जरदोजी उत्पादों की बिक्री के लिए कारागार में मुख्य द्वार के निकट आउटलेट का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है|
सेन्ट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि शासन की मंशा से कारागार में मुख्य द्वारा पर स्थापित होने वाले आउट लेट के माध्यम से सेन्ट्रल जेल में स्थापित उद्योगों के तहत विभिन्य प्रकार के गार्डन, अम्ब्रेला, विभिन्य प्रकार की दरियां जैसे फर्सी दरी, डबल बेड दरी, सिंगल बेड दरी, पलंग दरी, मिक्स दरी, योगा दरी, पूजा दरी (आसनी), रंगीन गोल जूट आसनी, रंगीन चौकार जूट आसनी विभिन्य प्रकार के मास्क, टीसीसी झोला के साथ ही ओडीओपी के तहत उत्पादों जैसे चादर, बेडसीट, तकिया कवर, पर्दा आदि बिक्री हेतु आउटलेट का निर्माण कराया जा रहा है| जिससे आम जनता को भी जेल के उत्पाद आसानी से मिल सकेंगे|
साल 1882 में जेल उद्योग से कमायें थे एक करोड़ 34 लाख
केन्द्रीय कारागार में सन 1882 में कपड़ा, तम्बू, लोहे का तसला, कटोरी बनाने का उद्योग प्रारंभ किया गया। सन 1908 में कारागार में दो लाख 15 हजार 72 रुपये की आमदनी इन उद्योगों से अर्जित की थी। आमदनी ठीक ठाक होने पर जेल प्रशासन ने इस पर पुनः जोर दिया। बढ़ते बढ़ते जेल के साथ-साथ देश भी अंग्रेजों के चंगुल से छूटा तो जेल के इन उद्योगों ने और अधिक तरक्की कर दी। 1982 में कारागार में इन्हीं उद्योगों में एक अच्छी सफलता हासिल की। कारागार ने एक करोड़ 34 लाख रुपये की आमदनी इन उद्योगों से की जो अपने आप में एक इतिहास है। जेल में बना तम्बू, लकड़ी इत्यादि का सामान, बाहरी दूसरी जेलों व अन्य पुलिस बलों को सप्लाई किया जाता था।

 

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