फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते लगभग 36 साल पूर्व हुई हत्या में चश्मदीद गवाह पूर्व विधायक विजय सिंह की बाँदा जेल से लाकर न्यायालय में गवाही हुई| पूर्व विधायक ने गवाही देते हुए कोर्ट को बताया की रामदास उर्फ भूरा की पीठ में अमरे व देवी ने छुरे से कई वार किए थे। इसके साथ ही रामकिशोर ने तमंचे से गोली मारी थी।
बीते 13 अप्रैल 1986 को शहर कोतवाली के मोहल्ला बागकूंचा निवासी रामखिलावन मिश्रा ने कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया था| यह भी बताया था की वह जनपद हरदोई थाना अरवल के गांव टिलियापुर घटवासा के मूल निवासी हैं| वह फतेहगढ़ के मोहल्ला जाफरी में रहकर पलिया थाना हरपालपुर के रामकिशोर, उसके भाई सुखवीर सिंह के साथ ठेकेदारी कर रहे थे| इस दोनों भाईयों ने उसके भाई रामदास उर्फ भूरा से 35 हजार रुपये में ट्रैक्टर खरीदा था। जिसके रूपये उधार थे| 11 अप्रैल 1986 को रुपयों की पंचायत होनी थी| तो रामखिलाबन व नाला मछरट्टा निवासी विजय सिंह के साथ फतेहगढ़ पंहुच गये| जब खिड़की से झांककर देखा तो अमरे व देवी रामदास उर्फ भूरा की पीठ में छुरा से हमला कर रहे थे| उसी दौरान रामकिशोर ने तमंचे से रामदास के गोली मार दी| जब उन्होंने हमलावरों को ललकारा तो आरोपित अमरे, देवी, सुखवीर सिंह व रामकिशोर असलहे लहराते हुए फरार हो गये| इसी मामले में गवाह के रूप में बाँदा जेल में ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक विजय सिंह को कड़ी सुरक्षा में न्यायालय लाया गया| जहाँ उनकी गवाही करायी गयी| उन्होंने आरोपित सुखवीर की कोर्ट के सामने शिनाख्त की और कहा की सुखवीर रामदास उर्फ भूरा के हाथ पकड़े थे| गवाही के बाद बचाव पक्ष के बकील ने जिरह की| वहीं कोर्ट परिसर में पंहुचने के दौरान पूर्व विधायक विजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में पंहुच गये| इसके साथ ही सभी ने उनसे मुलाकात की|