नगरपालिका के चीरहरण के लिए संघर्ष करते जनसेवक-1

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फर्रुखाबाद: नगर पालिका यानि नगर की जनता के पालन पोषण सुख सुविधा एवं व्यवस्था के लिए बनी स्वायत्यशासी इकाई| नगरपालिका के नाम के संधि विच्छेद के बाद यूँ तो इस शब्द का बड़ा मतलब नजर आता है मगर अब देश में किसी भी शब्द के मायने उसके अर्थ से गढ़ने का समय नहीं रह गया है लिहाजा नगर पालिका फर्रुखाबाद को अगर वर्तमान जनसुविधा के कारण नरक पालिका कह दिया जाए तो नाम सार्थक दीखता है| इस नगरपालिका में लगभग पचास साल पहले असगर अली का लिखा गया हस्तलिखित मैनुअल आज तक न तो संशोधित हुआ न छपा| बाद में काफी पढ़े लिखे वकील, डॉक्टर, पत्रकार और तथाकथित समाजसेवी पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर गद्दी नशी हुए मगर उस मैनुअल को नया करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई| इस नगरपालिका के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो जनता को मालूमात होने चाहिए इस प्रकार है-

*नगरपालिका फर्रुखाबाद का कोई नक्शा नहीं है जो है उसके दो सौ से ज्यादा टुकड़े है जिसमे से अधिकांश वे हिस्से गायब है जिनमे अतिक्रमण या अवैध रूप से कब्जे कर लिए या करा दिए गए है|

*नगरपालिका फर्रुखाबाद में एक भी शिकयत या जनसुविधा केंद्र नहीं है और न ही कोई ऐसा प्रचलित फोन है जिस पर जनता कोई जनसमस्या के शिकायत दर्ज करा सके| फतेहगढ़ नगर के नागरिको तक के समस्या पालिका तक पहुचने के लिए पहले सात किलोमीटर भीड़ भाद वाले रस्ते से गुजर कर पालिका तक जाना पड़ता है जहाँ ये कोई गारंटी नहीं की शिकायत सुनने वाला कोई मिल जायेगा|

*नगरपालिका को पूर्ण रूप से कैम्प कार्यालय यानि अध्यक्ष के घर से पालिका का दफ्तर दयमन्ती सिंह के कार्यकाल से प्रचलन में आया और वर्तमान में अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने उसका पूर्ण रूपेण अनुसरण किया| हालाँकि इससे पहले के अध्यक्ष भी अपने घर से पालिका का कामकाज चलाते रहे मगर आंशिक तौर पर|

*नगरपालिका में 55 साल पहले असगर अली द्वारा लिखा गया हस्तलिखित मैनुअल है जिसे आज तक संशोधित नहीं किया गया|

*फर्रुखाबाद नगरपालिका में कभी गली मोहल्लों में लेम्प पोस्ट होते थे (जिस जमाने में बिजली नहीं थी) और रात में हर लेम्प पोस्ट तेल से रोशन होता था| नगरपालिका का कर्मचारी हर लेम्प पोस्ट पर प्रतिदिन नियम से सीडी लेकर जाता और तेल डालता था|

*नगरपालिका फर्रुखाबाद में अध्यक्ष की कुर्सी पर पेशे से डॉक्टर, पूर्व सैनिक, वकील, व्यवसायी और पत्रकार भी बैठे मगर कभी किसी ने इस नगरपालिका में ऐसा कोई सकारात्मक या रचनात्मक काम नहीं किया जिससे इस नगरपालिका की पहचान राज्य स्तर तक पर बन पाती|

*दयमन्ती सिंह के अध्यक्षी का चुनाव पहली बार जनता द्वारा हुआ उससे पहले सभासद ही नगरपालिका अध्यक्ष चुनते थे|

*नगरपालिका फर्रुखाबाद में भ्रष्टाचार के आरोप का पहला मामला सत्यमोहन पाण्डेय के कार्यकाल में हुआ जब उन पर चुंगी चोरी का आरोप लगा|
*भ्रष्टाचार का आरोप लगते ही पद से इस्तीफ़ा देने वाले सत्यमोहन पाण्डेय नगरपालिका फर्रुखाबाद के पहले और आखिरी अध्यक्ष रहे| इनके बाद के कई अध्यक्षों ने तो भ्रष्टाचार सिद्ध होने के बाबजूद कुर्सी नहीं छोड़ी|

*फर्रुखाबाद की नगरपालिका में दो नाम वेतन भोगी अफसरों के ऐसे हैं जिह्नोने ज्यादातर अध्यक्षों को नगरपालिका चलाना सिखाया| ये दोनों अधिशासी अधिकारी रहे| इनमे से एक राजाबाबू है और दूसरे स्व स्वेती प्रसाद थे| पालिका की सत्ता की चौपड़ सही मायने में यही बिछाते रहे| राजाबाबू ने ही नाराज होकर सत्यमोहन पाण्डेय के खिलाफ चुंगी चोरी के दस्ताबेज पत्रकारों और विरोधियो को उपलब्ध कराये थे|

*पूरे प्रदेश में किसी भी नगरपालिका में सबसे ज्यादा बार किसी अधिकारी के निलम्बित होने का रिकॉर्ड भी फर्रुखाबाद के खाते में है| ये सम्मान राजा बाबू को ही मिला और हर बार वो अदालत से ही रहत पाए|

*आज तक सबसे ज्यादा विकास कार्य महिला अध्यक्ष दयमन्ती सिंह के कार्यकाल में हुए| नगर में छोटी छोटी गलियों का निर्माण उनके जामने में ही हुआ| ये और बात है कि सबसे ज्यादा शिकवा शिकायत भी इसी कार्यकाल में हुई|

*किसी जमाने में हर नाली की सफाई सफाई कर्मी भिस्ती (एक प्रकार का चमड़े का झोला जिसमे पानी भर कर पीठ पर लादा जाता था) से पानी डाल कर करते थे| 40 साल पहले ये नगर आज के मुकाबले ज्यादा साफ़ और सुथरा था जब मशीने नहीं थी और साधन भी सीमित थे|

*नगरपालिका फर्रुखाबाद का सबसे स्वर्णिम काल स्व डॉ वी एन सरीन के अध्यक्ष के कार्यकाल का था| उस जमाने की बनी कई गलिय और नालियां आज भी ज्यो की त्यों मौजूद है और उनमे लगभग 50 साल के बाद भी रेपयरिंग तक की जरुरत नहीं पड़ी| उदहारण के लिए सुतहट्टी से खटकपुरा की और जाने वाली गलियां और फतेहगढ़ के कई मोहल्लों में आज भी नए जमाने के चर्चित भ्रष्ट अध्यक्षों के मुह पर तमाचा मारने के लिए काफी है|

***ये लेख आम जनता से बातचीत पर आधारित है| किसी प्रकार की त्रुटी या विचार के लिए पाठको की प्रतिक्रिया हमेशा आमंत्रित है| अगर आपके पास भी कोई नगरपालिका से जुडी कोई विशेष रोचक जानकारी हो तो जरुर लिखे| हमारा उद्देश्य है- जेएनआई के माध्यम से फर्रुखाबाद के नगरपालिका का इतिहास जनता तक पहुचे|