Tuesday, December 24, 2024
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हत्या में 32 साल बाद 7 को आजीवन कारावास

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते लगभग 32 साल पूर्व ग्रामीण का घर से अपहरण कर उसकी गला काटकर हत्या करनें के मामले में मंगलवार को फैसला आ गया| न्यायायल ने 7 को हत्या में दोषी पाते हुए आजीवन कारवास की सजा व अर्थदंड से दंडित किया है|
तकरीबन 32 साल पूर्व थाना मेरापुर के ग्राम पहरापुर निवासी विशम्भर दयाल नें मुकदमा पंजीकृत कराया था| जिसमे कहा था की 25 मई 1990 को रात लगभग 9 बजे 10-11 बदमाश अ[ने हाथों में बंदूक व राइफल के साथ ही लाठी-डंडो से लैस होकर आये और रास्ते में आ रहे उसके चाचा रामऔतार को पकड़ लिया| उन्हें लेकर मेरे दरवाजे पर आये और चाचा से ही आवाज लगानें को कहा| जब उन्होंने कहा की  भईया दरवाजा खोलो! चाचा की आवाज सुनकर पिता सियाराम बाहर आ गये| उनके बाहर आयते ही बदमाशों ने उनके ऊपर जान लेवा लाठी-डंडो से हमला कर दिया और और उनको  ले जाने लगे| जब उनका पीछा लिया तो बदमाशों ने फायर कर दिया| जिससे विनोद पुत्र रामेश्वर दयाल घायल हो गये| पुलिस ने जान लेवा हमला और अपहरण आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया| लेकिन बदमाश सियाराम को अपने साथ ले गये| तीन बाद उनका उनका अंदर वियर मिला| जबकि काफी तलाश के बाद उनका कटा हुआ सिर लगभग 15-20 दिन बाद ग्राम गुसलापुरा गाँव के निकट काली नदी के पास मिला था| पुलिस ने जाँच के बाद चम्पत पुत्र केबल सिंह, सुधर सिंह पुत्र डुंडी सिंह निवासी बरखिरिया मेरापुर, पप्पू पुत्र रामभरोसे, इंस्पेक्टर पुत्र रामसिंह, बृजनन्दन पुत्र जबाहर निवासी नगला लाहोरी, जगदीश पुत्र इंद्रजीत, कुंवरपाल पुत्र रोशन सिंह यादव, रामभजन उर्फ भजनू लाल पुत्र आशाराम यादव, राजबहादुर पुत्र छबिनाथ सिंह निवासी जैथरा एटा, औसान पुत्र उजागर नगला केसरपुर जैथरा एटा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी| दौराने सुनवाई आरोपी चम्पत, कुंवरपाल व औसान की मौत हो गयी|  लिहाजा मंगलवार को न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया| जिसमे आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सेदंडित किया है| इसके साथ ही उन पर अर्थदंड भी लगाया है|

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