फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) दरगाह मखदूम शेखपुर का उर्स-मेला का 16 जनवरी को आगाज हुआ था, उसी की रस्म अदायगी के चलते भोजपुर में पहला कुल शरीफ़ शासन के द्वारा कोरोना गाइडलाइन के तहत पूरा हुआ।
हज़रत शेख मखदूम बुर्राक लंगर जहां रह०का विसाल आज के ही दिन भोजपुर चिल्लाहगाह पर हुआ था और उसके अगले दिन शेखपुर में सुपुर्देखाक़ किया गया था। इस वाकिया को 697 वें साल हो गये हैं इतनी सालों में 17 सज्जादानशीन गुज़र चुके हैं| और इस वक़्त मौजूदा सज्जादानशीन हज़रत मौलाना गालिब मियां 18वें सज्जादानशीन हैं और शेख मखदूम की 19वीं पीढ़ी से हैं और इस 697वें उर्स के मौके पर भोजपुर चिल्लागाह पर सज्जादानशीन ने अपनी पुरानी रस्मों को अदा किया। बाद नमाजे जुमा मिलाद शरीफ हुआ। उसके बाद सज्जादानशीन को गुस्ल दिया गया और कफ़न पोशी की रस्म अदा की गई। दरगाही गुलकारी लतीफ शेखपुरी ने दफ बजाकर फारसी की रुबाई पढ़ी और पहला कुल शरीफ भोजपुर चिल्लागाह पर हुआ और दुआ की गई। महफिले मिलाद का आगाज हाफिज जीशान ने तिलावते कुरआन से किया हाफ़िज़ कारी कामरान,इमरान सैदा, अब्दुल माजिद और हाफिज मुईन ने नातों मनकवत के कलाम पेश किये और मौलाना मुबीन नूरी ने शेख मखदूम की करामातें पर रोशनी डाली। महफिले सिमा का आगाज कलामे कुराने पाक से हुआ जिसकी निजामत साजिद रजा सोहरवर्दी ने की, सज्जादानशीन ने मुल्क में अमन चयन के लिए दुआए खैर की।इस मौके पर मौलाना एहसानुल हक, हाफ़िज़ एज़ाज अहमद कादरी, मेला कमेटी अध्यक्ष भोजपुर प्रधान, मेला मिडिया प्रभारी मोहसीन शम्सी एडवोकेट, डाक्टर इन्तज़ार,हस्सान, इक़बाल हुसैन आदि लोग मौजूद रहे। (तौसीफ अली की रिपोर्ट)