Monday, December 23, 2024
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जिला जेल बबाल: 17 दिन बाद भी तमंचे पर डिस्को कर रही एसआईटी की जाँच

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिला जेल बबाल के बाद भीतर मिले तमंचे नें जाँच अधिकारियों को संकट में डाल दिया है| जेल ले भीतर जहाँ एक कील नही जा सकती वहां तमंचे का पंहुच जाना सबाल तो खड़े करता है| पूरे मामले की जाँच को बनी एसआईटी भी अभी तक किसी नतीजे पर नही पंहुची| ना की कोई कार्यवाही अमल में लायी गयी है| (खबर में लगी फोटो प्रतीकात्मक है)
बीते 7 नवंबर को जिला जेल के बंदियों नें साथी की अस्पताल में मौत के बाद पूरी जेल हाईजैक कर ली थी| जिसमे जेलर और डिप्टी जेलर की पिटाई भी की गयी थी| लिहाजा पुलिस नें बल प्रयोग किया| तब कहीं जाकर बंदी शांत हुए| घटना के पीछे जेल के बंदियों की अबैध बसूली और बीमार बंदियों का सही से इलाज ना कराना भी प्रमुख कारण रहा| लेकिन इस बिंदु पर भी कोई बोलने को तैयार नही की आखिर विवाद की मुख्य जड़ क्या था|
जिला प्रशासन अपने द्वारा बनाये गये जाल में फंस गया| दरअसल जिस समय बंदी शिवम राठौर के पेट में गोली लगी तो हड़कंप मच गया| अपनी करनी छुपानें के लिए लगभग डेढ़ घंटे घायल सौरभ को जेल के भीतर रखा| लेकिन जब रायता पत्रकारों नें फैलाया तो उन्हें आखिर सौरभ को उपचार के लिए भेजना पड़ा और उसकी मौत हो गयी| जिला जेल के भीतर दाल में कुछ काला नही पूरी दाल ही काली नजर आती है| यदि सामान्य व्यक्ति जेल के भीतर जाना चाहे तो उसका तलाशी के नाम पर उत्पीडन होता है|अबैध बसूली कर बंदी और उसके परिजनों को परेशान किया जाता है| जेल के भीतर जाने को जब संघन तलाशी ली जाती है तो फिर घटना वाले दिन बरामद तमंचा कैसे पंहुचा? यह जाँच एसआईटी नही कर पा रही है और ना ही लापरवाही में किसी पर अभी तक गाज गिरी|
एसआईटी के सदस्य व वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला नें बताया कि जाँच अभी चल रही है| जेल में तमंचा बरामद के मामले में अभी तक क्या हुआ इस सम्बन्ध में जल्द डीआईजी जेल आकर अवगत करायेंगे| 

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