फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) गुरुवार को शहर के मौहल्ला जोगराज स्ट्रीट स्थित श्री 1008 महावीर स्वामी दिगम्बर जैन मंदिर में दीपावली व महावीर स्वामी के वीर निर्वाण संवत 2548वां महोत्सव दिवस के रूप बडे धूमधाम से मनाया गया है। भगवान महावीर स्वामी जी का अभिषेक एवं शान्तिधारा पूजन कर निर्वाण लाडू चढाया गया।
कन्हैया लाल जैन ने बताया कि महावीर स्वामी को इसी दिन (कार्तिक अमावस्या) को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसी दिन संध्याकाल में उनके प्रथम शिष्य गौतम गणधर को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। दीपावली के दिन 527 ईसापूर्व जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को प्राप्त हुआ था। उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या की ही रात थी। इसी दिन भगवान महावीर के प्रमुख गणधर गौतम स्वामी को भी कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए दीप और रोशनी के त्योहार दिवाली को जैन धर्म में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
जैन ग्रंथों के मुताबिक महावीर भगवान ने दिवाली वाले दिन मोक्ष जाने से पहले आधी रात को आखिरी बार उपदेश दिया था जिसे ‘उत्तराध्ययन सूत्र’ के नाम से जाना जाता है। भगवान के मोक्ष में जाने के बाद वहां मौजूद जैन धर्मावलंबियों ने दीपक जलाकर रोशनी की और खुशियां मनाईं।जैन धर्म के लिए यह त्योहार विशेष रूप से त्याग और तपस्या के त्योहार के तौर पर मनाया जाता है इसलिए इस दिन जैन धर्मावलंबी भगवान महावीर की विशेष पूजा करके उनके त्याग और तपस्या को याद करते हैं। दिवाली यानी वीर निर्वाणोत्सव वाले दिन सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।इस अवसर पर इन्द्रो के रूप मै कन्हैया लाल जैन,कमल कुमार जैन,अभिषेक जैन,रोमिल जैन, प्रियंकर जैन,पवन कुमार जैन,नीरज जैन,विमल शरण जैन, संजय जैन, मोहित जैन, प्रभात जैन, हर्षित जैन, पारसजैन, पूनम जैन, मणि जैन आदि रहे|