फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो ) सोमवार को बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिला जब राजेपुर कस्बे के निकट पानी पंहुच गया| जिससे अब कस्बे में भी पानी आनें का खतरा बढ़ गया है| उधर बाध बढने से 150 गाँव बाढ़ की चपेट में है| राजेपुर में तो 60 गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूटने पर उनकी बिजली आपूर्ति भी बाधित कर दी गयी है|
बेमौसम बरसात नें तराई क्षेत्र के ग्रामीणों के अरमानों पर पानी फेर दिया| हजारों बीघा सरसों, आलू व धान की फसलें जलमग्न हो गयी है| डबरी संपर्क मार्ग पर जगह-जगह पर केवल 2 फुट ही पानी सड़क से नीचे रह गया है| जिससे गंगा-राम गंगा का जलस्तर अधिक बढ़ने से बांध पर खतरा मंडरा रहा है|
24 घंटे से बाढ़ में फंसे 35 ग्रामीणों का किया गया रेस्क्यू
राजेपुर के ग्राम सिडेंचकरपुर में जनपद गाजीपुर से 35 ग्रामीणों नें 200 बीघा में परिमल की खेती की थी| बाढ़ आनें से वह बाढ़ के पानी में फंस गये| वह तकरीबन 24 घंटे बाढ़ के पानी में फंसे रहे| सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष दिनेष गौतम मौके पर पंहुचे और नाव की व्यवस्था की| इसके साथ ही बाढ़ में फंसे राजकुमार पुत्र बालकराम निवासी बैकुंठपुर गाजीपुर, गोलू पुत्र रामकुमार,रामनिवास पुत्र मोतीलाल, सतेंद्र पुत्र विजय पटेल, जितेंद्र पुत्र सतीश चंद्र, सुधामा पुत्र श्याम शंकर आदि 35 लोगों को बाहर निकाला| बदायूं मार्ग पर चित्रकूट गांव की डिप पर करीब चार फिट पानी की धार बह रही है।
वहीं अमृतपुर के ग्राम सुंदरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ,भुड़रा,कंचनपुर सबलपुर, कछुआ गाड़ा, कुंवरपुरा, जगतपुर, तीसराम की मड़ैया, करनपुर घाट, कुड़री आदि में बाढ़ दाखिल हो गयी है|कमालगंज में देवीदीन नगला, सरैया,भुसौरा, सूपापुर, मलियन नगला, कटरी मानपुर के गढ़िया, कैलाश नगला आदि में बाढ़ दाखिल होकर अपना कहर वरपा रही है| कंपिल में बूढी गंगा उफान पर हैं| नाव की मांग उठायी
विकास खंड राजेपुर के ग्राम जोगराजपुर निवासी गौरव चौहान एवं ग्रामीणों नें तहसीलदार को शिकायती पत्र सौंपकर नाव की मांग की| उन्होंने कहा कि सरकार नें जो नाव उपलब्ध करायी थी वह फूट गयी है| लिहाजा 500 मीटर का आवागमन नाव से होना है| जिसके लिए नाव की आवश्यकता है| रामगंगा उफनाई , गंगा भी खतरे के निशान पर पहुंचीं
गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर बढ़कर खतरे के निशान 137.10 मीटर पर पहुँच गया है। नरौरा बांध से 96305 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।रामगंगा का जलस्तर 45 सेंटीमीटर बढ़कर 137.65 मीटर पर पहुंच गया है।खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 12146 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।गंगा की बाढ़ का पानी तटवर्ती गांव के घरों में भर गया है।जिससे ग्रामीणों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।