Saturday, December 28, 2024
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नवाबगंज में जलभराव और गंदगी बनी जानलेवा!

फर्रुखाबाद:(नवाबगंज संवाददाता) कोरोना के बाद मलेरिया व डेंगू के डंक का भय लोगों को सिर चढ़कर सताने लगा है। बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव होने के बाद बुखार या कथित डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।  यहाँ हर घर में एक मरीज बुखार से पीड़ित है और कई लोग मौत के गर्त में समा भी चुके है| स्वास्थ्य विभाग को इससे कोई फर्क नही पड़ता| जबकि स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ खुद ही ठोंकनें में लगा है|
दरअसल विकास खंड नवाबगंज के कस्बे में इस समय गंदगी और जलभराब का साम्राज्य है| ठहरे हुए पानी में मच्छर पनपने लगे है। जगह- जगह जलभराव से मलेरिया व डेंगू का खतरा भी बढ़ रहा है। जेएनआई टीम नें जब मौके पर जाकर हालत देखे तो पता चला की गंदगी और जलभराव मिला| आबादी के बीच इस जलभराव से यहां के हालात बेहद भयावह दिखाई दिए। नवाबगंज कस्बे में में बुखार के प्रकोप का नाम थमने का नाम नहीं ले रहा है बुखार के प्रकोप से एक के बाद एक मौतें जारी हैं| बरतल वाली गली में बुखार से पीड़ित कई मौतें हो चुकी है। सब कुछ जान कर भी स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है। कस्बा निवासियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई भी टीम कस्बे में चेकअप के लिए नहीं आयी| मजबूरी में कस्बे वासी अपने मरीजों का इलाज कराने के लिए निजी चिकित्सकों का सहारा ले रहे हैं।
इन ग्रामीणों की हो चुकी मौत
50 वर्षीय मीना देवी निवासी पंचम गली को दो-तीन दिन बुखार आया और निजी चिकित्सक के यहाँ इलाज कराया जिनकी हालत गंभीर होनें पर परिजन फर्रुखाबाद ले जा रहे थे| 50 वर्षीय उर्मिला निवासी बर्तल वाली गली 28 सितंबर को बुखार आया निजी चिकित्सक के यहाँ इलाज कराया बीते बुधवार को दम तोड़ दिया | 13 वर्षीय कृष्णा 1 अक्टूबर को बुखार आनें पर निजी चिक्कित्सक को इलाज कराया फायदा ना होनें पर सैफई रेफर कर दिया गया|सुबह लगभग 3 बजे उसने भी दम तोड़ दिया| ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक घर से एक ना एक बुखार का मरीज है। कई बुखार से पीड़ित मरीज अपना घर पर ही इलाज करा रहे हैं।
लोहिया में डेंगू के मरीज के लिए प्लेटलेट्स नही!
डेंगू के मरीज के लिए लोहिया अस्पताल केबल रिफर सेंटर ही बन कर रह गया है| दरअसल डेंगू के मरीजों के प्लेटलेट्स बहुत तेजी के साथ डाउन होते है| जो निजी चिकित्सालों में बहुत मंहगें है| लेकिन लोहिया अस्पताल में मरीज की प्लेट्लेट्स कम होनें पर उसे सैफई के लिए रिफर किया जाता है| तेजी से कम होते प्लेटलेट्स सैफई पंहुचते-पंहुचते बहुत अधिक कम हो जाते है| लिहाजा कई मरीजों को जिन्दगी से हाथ धोना पड़ता है| वहीं निजी चिकित्सक भी भारी फीस मरीज की जेब काट कर रख रही है|
जहानगंज में महिला का शव पंहुचते ही कोहराम
थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी प्रज्ञा गुप्ता पत्नी विकास गुप्ता अपने पति के साथ मैंनपुरी रह रही थी| बीते 28 नवम्बर 2017 को उनका विवाह विकास के साथ हुआ था| उसके एक डेढ़ वर्षीय पुत्र आर्य है| प्रज्ञा की भी मैनपुरी में बुखार से मौत हो गयी| रविवार को ससुराल जहानगंज उसका शव आते ही कोहराम मच गया| मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ० सतीश चन्द्रा नें जेएनआई को बताया कि नवाबगंज में लगातार टीम लगी हुई है| जांचे चल रही है| जिले में डेंगू का कोई मरीज ही नही है| वायरल बुखार को तेजी से काबू किया गया है| यदि कोई समस्या है तो उसे दिखाया जायेगा|  

 

 

 

 

 

 

 

 

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