बंदियों को दी उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बुधवार को केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।  जिसमे बंदियों को उनके कानूनी अधिकार के बारे में सजग किया गया|
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश चवन प्रकाश की अध्यक्षता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का जिला जज ने माँ सरस्वती चित्र पर द्वीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण शुभारम्भ किया|
इसके बाद प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय आलोक कुमार पाराशर द्वारा नैतिक आचरण करने तथा अच्छे संस्कार धारण करने पर बल देते हुये कहा गया कि परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई है। इसमें विघटन होने से पूरे समाज पर बुरा असर पड़ता है तथा अपराध होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अतः व्यक्ति को धैर्यशाली बनकर सही रास्ते पर चलना चाहिए।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेन्द्र कुमार सिंह द्वारा विधिक कार्यक्रमों का महत्व बताते हुये कहा गया कि बन्दी को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा उनके अधिकार प्राप्त कराने हेतु समय-समय पर विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जाता है। अपर सिविल जज जू०डि० विवेक यादव द्वारा बन्दियों के अधिकार पर विस्तार से चर्चा की| अपर सिविल जज जू०डि० रजत प्रकश सोन के कहा कि संस्कार से अपराध पर नियंत्रण एवं मुक्ति पायी जा सकती है| जिला जज नें कहा कि नैतिक ज्ञान सभी के लिए जरूरी है, विधिक साक्षरता इस कारण प्रदान की जा रही है कि सभी बन्दी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो। उन्होनें कहा कि गिरफ्तार होते समय गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार है। मामले की निःशुल्क पैरवी हेतु अधिवक्ता प्राप्त करने का अधिकार है तथा न्यायालय का यह कर्त्तव्य है कि वह देखें की मामले की सम्वयक पैरवी हो रही है की नहीं। बन्दी के जेल में निरुद्ध होने के बावजूद उन्हें जीवन जीने के अधिकार प्राप्त है सिवाय जेल के बाहर जाने के। इस दौरान न्यायिक अधिकारियों नें बंदियों द्वारा निर्मित तम्बू व दारी आदि का भी जिला जज नें अबलोकन किया| जेल बैंड से अधिकारियों का स्वागत किया गया| सचिव  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अचल प्रताप सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद शुक्ला नें भी विचार रखे| उप कारापाल सुरजीत सिंह आदि रहे|